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पपीता
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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पपीते की कुछ उन्नत किस्में एवं उनकी विशेषताएं

पपीते की कुछ उन्नत किस्में एवं उनकी विशेषताएं

जल्दी फल आने के कारण पपीता की खेती से किसानों को अधिक मुनाफा होता है। विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर पपीता के पके फलों के साथ कच्चे फलों का भी उपयोग किया जाता है। पपीता की खेती करने से पहले इसकी कुछ उन्नत किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

पपीते की कुछ उन्नत किस्में

  • रेड लेडी 786 : यह संकर किस्मों में शामिल है। इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि एक ही पौधे में नर और मादा फूल लगते हैं। इसके कारण हर पौधे से फल की प्राप्ति होती है। लगाने के केवल 9 महीने बाद पौधों में फल लगने शुरू हो जाते हैं। अन्य किस्मों की तुलना में इस किस्म के फलों की भंडारण क्षमता अधिक होती है।

  • पूसा ड्वार्फ : इस किस्म के पौधों की लम्बाई कम होती है। इस किस्म के पौधों में फल अधिक आते हैं। पौधों में भूमि की सतह से करीब 25 से 30 सेंटीमीटर की ऊंचाई से फल आने लगते हैं। पकने के बाद फल पीले रंग के हो जाते हैं। प्रत्येक फल का वजन 1 से 2 किलोग्राम तक होता है। प्रत्येक पौधे से 40 से 50 किलोग्राम फलों की पैदावार होती है।

  • को 3 : यह संकर किस्मों में शामिल है। इस किस्म को वर्ष 1983 में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर में विकसित किया गया है। इस किस्म के फल खाने में स्वादिष्ट होते हैं। इस किस्म के प्रत्येक पौधे से 90 से 120 फल प्राप्त होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 500 से 800 ग्राम होता है। पकने के बाद फल पीले से नारंगी रंग के नजर आते हैं।

  • कूर्ग हनी ड्यू : यह किस्म दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है। इस किस्म के फल लम्बे एवं अंडाकार होते हैं। फलों के गूदे मोटे होते हैं। प्रत्येक पौधे से करीब 70 किलोग्राम तक फलों की पैदावार होती है।

  • सनराइज़ सोलो : यह अधिक उपज देने वाली संकर किस्म है। इस किस्म के फलों का गूदा लाल से नारंगी रंग का होता है। फल मध्यम आकार के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन करीब 425 से 620 ग्राम होता है।

इन किस्मों के अलावा भारत में पपीता की कई अन्य किस्मों की खेती भी सफलतापूर्वक की जाती है। जिनमें वाशिंग्टन, पिंक फ्लेश स्वीट, पूसा मैजेस्टी, को 1, को 6, आदि कई अन्य किस्में भी शामिल हैं।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए पपीता की इन किस्मों की खेती कर के अधिक मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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