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पपीता : फलों के विकृत होने का कारण एवं बचाव के तरीके
पपीता : फलों के विकृत होने का कारण एवं बचाव के तरीके
इन दिनों पपीता के फलों का आकार विकृत होने की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। कई बार फल छोटे रह जाते हैं या फल ढेलेदार हो जाते हैं। जिससे बाजार में पपीता के फलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। आइए पपीता के फलों के विकृत होने का कारण एवं बचाव के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
फलों के विकृत होने का कारण
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पौधों में बोरान की कमी होना पपीता के फलों के विकृत होने का मुख्य कारण है।
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बलुई मिट्टी एवं शुष्क मौसम में यह समस्या अधिक होती है।
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बोरान की अधिक कमी होने पर पौधों के विकास में भी बाधा आती है।
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कई बार फूल भी झड़ने लगते हैं।
फलों के विकृत होने से बचाने के तरीके
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बोरान की कमी दूर करने के लिए पटरी एकड़ भूमि में 2 से 4 किलोग्राम बोरेक्स का प्रयोग करें।
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प्रत्येक पौधे में 2.5 से 5 ग्राम बोरेक्स का प्रयोग करें।
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