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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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पपीता : पौधों की रोपाई के समय उर्वरक प्रबंधन

पपीता : पौधों की रोपाई के समय उर्वरक प्रबंधन

पपीता के पौधों की रोपाई के समय सही मात्रा में उर्वरक के प्रयोग से पौधे स्वस्थ रहते हैं और उनके विकास भी अच्छी तरह होता है। अगर आप पपीता की खेती कर रहे हैं और उर्वरकों की मात्रा की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

  • मुख्य खेत में पौधों की रोपाई से करीब 15 दिन पहले खेत में गड्ढे तैयार करें।

  • गड्ढों की गहराई 50 सेंटीमीटर एवं चौड़ाई 50 सेंटीमीटर रखें।

  • गड्ढों के बीच 2 मीटर की दूरी रखें।

  • गड्ढों को तैयार करके कुछ दिनों तक खुला रहने दें। इससे खेत में मौजूद खरपतवार एवं विभिन्न कीट नष्ट हो जाएंगे।

  • पौधों की रोपाई के समय सभी गड्ढों में बराबर मात्रा में मिट्टी एवं गोबर के साथ 50 ग्राम एल्ड्रिन मिलाकर भरें।

  • गड्ढों को भरते समय नीम की खली का भी प्रयोग कर सकते हैं।

  • गड्ढों को भरते समय मिट्टी को जमीन की सतह से थोड़ी ऊंचाई तक भरें।

  • प्रति पौधे को 1 वर्ष में 250 ग्राम नाइट्रोजन, 150 ग्राम फास्फोरस एवं 250 ग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।

  • खाद की इस मात्रा को 2 से 4 बार में दें।

  • पौधों की रोपाई के कुछ दिनों बाद खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करने से बेहतर परिणाम मिलेंगे।

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हमें उम्मीद है यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इससे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। पपीता की खेती से जुड़े सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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