पपीता के पौधों में लाल मकड़ी का सर्वाधिक प्रकोप होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे ट्रेट्रानायचस सिनोवेरिनस कहा जाता है। यह आकार में छोटे होते हैं और समूह में आक्रमण करते हैं। यदि आप भी पपीता की खेती करते हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप लाल मकड़ी के प्रकोप का लक्षण एवं इस पर नियंत्रण करने के तरीके जान सकते हैं।
प्रकोप का लक्षण
फल खुरदुरे और काले रंग के हो जाते हैं।
पत्तियों का संचरण तंत्र प्रभावित होता है।
पत्तियां पीली होने लगती हैं।
नई पत्तियां फैली हुई नजर आती हैं।
पौधों के विकास में बाधा आती है।
प्रकोप बढ़ने पर पौधों में फल नहीं लगते हैं।
नियंत्रण के तरीके
प्रभावित पत्तियों एवं फलों को तोड़ कर नष्ट कर दें।
जैविक विधि से नियंत्रण के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें।
लाल मकड़ी पर नियंत्रण के लिए सल्फर डस्ट का प्रयोग करें।
इसके अलावा 0.1 प्रतिशत कैराथेन का छिड़काव करने से भी लाल मकड़ी पर नियंत्रण किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें :
पपीता की नर्सरी में आर्द्र गलन रोग पर नियंत्रण के तरीके जानने के लिए यहां क्लिक करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। पपीता की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
Soil Testing & Health Card
Health & GrowthYield Forecast
Farm IntelligenceAI, ML & Analytics
Solution For FarmersAgri solutions
Agri InputSeed, Nutrition, Protection
AdvisoryHelpline and Support
Agri FinancingCredit & Insurance
Solution For Micro-EntrepreneurAgri solutions
Agri OutputHarvest & Market Access
Solution For Institutional-BuyersAgri solutions