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पपीता
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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पपीता में लाल मकड़ी को नियंत्रित करने के तरीके

पपीता में लाल मकड़ी को नियंत्रित करने के तरीके

पपीता के पौधों में लाल मकड़ी का सर्वाधिक प्रकोप होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे ट्रेट्रानायचस सिनोवेरिनस कहा जाता है। यह आकार में छोटे होते हैं और समूह में आक्रमण करते हैं। यदि आप भी पपीता की खेती करते हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप लाल मकड़ी के प्रकोप का लक्षण एवं इस पर नियंत्रण करने के तरीके जान सकते हैं।

प्रकोप का लक्षण

  • फल खुरदुरे और काले रंग के हो जाते हैं।

  • पत्तियों का संचरण तंत्र प्रभावित होता है।

  • पत्तियां पीली होने लगती हैं।

  • नई पत्तियां फैली हुई नजर आती हैं।

  • पौधों के विकास में बाधा आती है।

  • प्रकोप बढ़ने पर पौधों में फल नहीं लगते हैं।

नियंत्रण के तरीके

  • प्रभावित पत्तियों एवं फलों को तोड़ कर नष्ट कर दें।

  • जैविक विधि से नियंत्रण के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें।

  • लाल मकड़ी पर नियंत्रण के लिए सल्फर डस्ट का प्रयोग करें।

  • इसके अलावा 0.1 प्रतिशत कैराथेन का छिड़काव करने से भी लाल मकड़ी पर नियंत्रण किया जा सकता है।

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