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पपीता के फल में लगने वाले पाउडरी मिल्ड्यू रोग से ऐसे करें बचाव
पपीता के फल में लगने वाले पाउडरी मिल्ड्यू रोग से ऐसे करें बचाव
पपीता के फल में 20 से अधिक रोग देखने को मिलते हैं। जिनके कारण फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर पड़ता है। अगर समय रहते इनकी रोकथाम नहीं की जाए तो पूरी फसल नष्ट हो जाती है। पपीता के फल में लगने वाला ऐसा ही एक रोग है पाउडरी मिल्ड्यू। इसके कारण पपीता का 30 से 35 प्रतिशत तक उत्पादन कम देखने को मिलता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस रोग से बचाव के बारे में बताएंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
पाउडरी मिल्ड्यू रोग क्या है?
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यह रोग पत्तियों की ऊपरी और निचली सतह पर छोटे गोलाकार धब्बों के रूप में दिखाई देता है।
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यह धब्बे कुछ समय बाद बढ़कर आपस में मिल जाते हैं और पूरी पत्ती को ढक लेते हैं।
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रोग के कारण पत्तियों की सतह पीली रंग की हो जाती है।
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रोग से प्रभावित पत्तियां मुरझा कर सूख जाती हैं और कुछ समय बाद पेड़ से गिर जाती हैं।
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अधिक प्रकोप होने पर नया पौधा मर जाता है।
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इस रोग के कारण पौधे का तना भी प्रभावित होता है। जिससे तने का प्रभावित भाग सड़ जाता है।
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नए पौधे में यह संक्रमण पत्तियों पर दिखाई देता है।
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इस रोग से पौधे में फुट रॉट जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
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इस रोग से पत्तियों पर धब्बे बनाते हैं। यह धब्बे देखने में पानी से भरे हुए से लगते हैं। जिसके कारण पत्तियों पर रुई जैसी कवक फैलती है।
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यह कवक रूपी घब्बे 5 से 7 मिलीमीटर लम्बे होते हैं।
नियंत्रण के उपाय
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इस रोग के नियंत्रण के लिए धुलनशील सल्फर 0.2 प्रतिशत या डिनोकैप 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें।
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कवकनाशी दवा टाप्सीन एम 0.1 प्रतिशत, मैंकोजेब का 0.2 से 0.25 प्रतिशत का घोल बनाकर छिड़काव करें।
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एक एकड़ खेत में बायर नेटिवो फफूंदनाशक के 80 से 160 ग्राम का प्रयोग करें।
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जैविक तरीके से नियंत्रण करने के लिए नीम के तेल और साबुन के मिश्रण का प्रयोग करें।
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रोग से प्रभावित पौधों को उखाड कर जला दें या नष्ट कर दें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और पपीता के फल में पाउडरी मिल्ड्यू रोग को नियंत्रण कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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