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पपीता के बगीचे में मिलीबग कीट पर नियंत्रण कैसे करें?
पपीता के बगीचे में मिलीबग कीट पर नियंत्रण कैसे करें?
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पपीता की फसल में मिलीबग कीट से 60 से 70 प्रतिशत नुकसान होता है। किसान अगर समय से इस कीट पर नियंत्रण नहीं करंगे तो यह कीट पूरे पपीते के बाग को नुकसान पहुंचा देगा।
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इस कीट से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर असर पड़ता है। जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है।
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आज इस आर्टिक्ल के माध्यम से हम किसानों को इस रोग पर नियंत्रण करने के उपाय बताएंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
मिलीबग कीट के लक्षण क्या है?
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यह कीट पौधों के ऊपरी भाग की पत्तियां एवं फलों का रस चूसता हैं।
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वयस्क मिलीबग पत्तियों, तनों एवं जड़ों को सफेद मोम पाउडर जैसे पदार्थ से ढंक देता है।
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जिससे तना कमजोर हो जाता है और पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं।
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इस कीट के कारण पौधों को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
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कीट का प्रकोप बढ़ने पर पत्तियां झड़ने लगती हैं और फल खराब हो जाते हैं।
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इस कीट से पौधों का विकास रुक जाता है।
मिलीबग कीट पर नियंत्रण कैसे करें ?
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पपीते के बगीचे में नियमित रूप से साफ-सफाई करें।
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बगीचे को खरपतवार से मुक्त रखने के लिए समय-समय पर निराई गुड़ाई करते रहें।
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कीट प्रभावित पत्तियों एवं फलों को इकट्ठा करके नष्ट कर दें।
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बगीचे में जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें।
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पेड़ों की छालों को समय-समय पर हटाते रहिये, क्योकि इसमें मिली बग छिपे रहते हैं।
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शुरूआती लक्षण दिखाई देने पर पेड़ों पर सर्फ एवं कीटनाशी मिलाकर छिड़काव करें।
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पपीते के बगीचे में फसलों के अवशेष जमा न होने दें।
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इस पर नियंत्रण करने के लिए 1 से 2 प्रतिशत नीम के तेल का छिड़काव करें।
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प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें।
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कीट पर नियंत्रण करने के लिए प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी या डाइमेथोएट 30 ईसी मिलाकर छिड़काव करें।
मिलीबग कीट को पहचाने कैसे ?
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मिलीबग आकार में छोटा एवं पॉलीफेगस समूह का कीट है।
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यह सफेद रंग के रूई की तरह नजर आते हैं।
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यह कीट आमतौर पर पौधे की टहनियों, शाखाओं, छाल एवं फलों पर झुंड बनाकर रहते हैं।
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