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पोषक तत्वों की कमी ने रोकी पौधों की बढ़वार, पूर्ति के लिए करें इन उर्वरकों का छिड़काव
पोषक तत्वों की कमी ने रोकी पौधों की बढ़वार, पूर्ति के लिए करें इन उर्वरकों का छिड़काव
पत्ता गोभी उन चुनिंदा सब्जियों के अंतर्गत आती है, जिसको नापसंद करने वाले लोग आपको बहुत कम संख्या में ही देखने को मिलते है। यह सब्जी न केवल तरह-तरह के खाने में स्वाद घोलने का काम करती है, बल्कि अपने पोषक तत्वों की उपस्थिति से भोजन के पोषण को भी कई गुना बढ़ा देती है। पत्ता गोभी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-सी, के, मैंगनीज, बी6, कैल्शियम, फोलेट, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे सभी तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा विटामिन-ए, आयरन और राइबोफ्लेविन सहित कुछ सूक्ष्म तत्व भी इस सब्जी से आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं।
पत्ता गोभी मुख्यत रबी की फसल है परन्तु साल भर मांग में बने रहने के कारण किसानों के लिए मुनाफे की फसल देखी गयी है। वर्तमान में देश के कई क्षेत्रों में फसल नर्सरी में या प्रारंभिक वानस्पतिक विकास चरण की अवस्था में है, जहां फसल में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण दिखने शुरू हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि नर्सरी में पौधे हल्के पीले पड़ रहे हैं जिससे उनके सूखने या सीधे तौर पर कहें तो फसल खराब होने की आशंका बढ़ती दिख रही है।
पोषक तत्वों की कमी से होने वाले नुकसान
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पोषक तत्वों की कमी के लक्षण पौधों में धीमी बढ़वार के रूप में पहचाने जा सकते हैं।
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पत्तियों का पीला होना और देखते ही देखते पौधों का सूखना भी पत्ता गोभी में पोषक तत्व की कमी की ओर इशारा करता है।
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नर्सरी में हुई पोषक तत्वों की कमी का प्रभाव पौधों पर लम्बे समय के लिए बना रहे तो आगे जाकर छोटे फूलों का निर्माण होता है।
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जड़ो का उचित विकास नहीं हो पाता है।
खाद प्रबंधन
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खेत की जुताई के समय 100 क्विंटल गोबर की खाद एवं 1 क्विंटल नीम की खली का प्रयोग प्रति एकड़ की दर से करें।
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मुख्य खेत में 75 किलोग्राम यूरिया, 70 किलोग्राम डीएपी और 35 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करें | इसके साथ ही रोपाई के समय 4 किलो स्टार्टर प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करने की भी सलाह दी जाती है|
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मिट्टी में जिंक की कमी होने पर 5 किलोग्राम जिंक सल्फेट की मात्रा प्रति एकड़ की दर से खेत में मिलाएं।
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एनपीके 19:19:19 की 5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर वानस्पतिक विकास के दौरान इस्तेमाल करें |
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फसल में रासायनिक खाद के प्रयोग से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करा लें।
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अन्य सब्जियों की तरह ही बेहतर फसल उत्पादन के लिए पत्ता गोभी के पौधों में भी सही समय पर पोषक तत्व की आपूर्ति की जानी आवश्यक है। फसल में भिन्न-भिन्न विकास चरण के दौरान दी जाने वाली खाद की मात्रा भिन्न होती है अतः आवश्यक है कि कृषि विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद ही खेत में खाद का प्रयोग किया जाए। कृषि विशेषज्ञों से सीधे जुड़ने एवं मिट्टी जांच जैसी सुविधाओं के लिए आज ही कॉल करें देहात टोल-फ्री नंबर 1800-1036-110 पर।
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