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पॉलीहाउस फार्मिंग : कृत्रिम वातावरण में पाएं अधिक पैदावार

पॉलीहाउस फार्मिंग : कृत्रिम वातावरण में पाएं अधिक पैदावार

जलवायु एवं वातावरण में परिवर्तन के कारण किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता के फल एवं सब्जियों का उत्पादन करना कठिन होता जा रहा है। बात करें मुनाफे एवं नुकसान की तो कई बार बाजार में कुछ सब्जियों के उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों से बचने के लिए पॉलीहाउस में खेती करना एक बेहतर विकल्प है। अगर आप अभी तक पॉलीहाउस खेती की तकनीक से हैं अनजान तो आइए जानते हैं पॉलीहाउस फार्मिंग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां।

क्या है पॉलीहाउस फार्मिंग?

  • पॉलीहाउस फार्मिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें बेमौसम सब्जियों, फलों एवं फूलों की सफलतापूर्वक खेती की जाती है।

  • इस तकनीक में स्टील से बने ढांचे को पराबैंगनी किरणों से प्रतिरोधी प्लास्टिक की शीट से ढक कर विभिन्न फसलों के अनुसार कृत्रिम वातावरण तैयार किया जाता है। तैयार किए गए कृत्रिम वातावरण में फल, सब्जियों एवं फलों की खेती की जाती है।

पॉलीहाउस फार्मिंग के क्या हैं फायदे?

  • पॉलीहाउस में बिना उपयुक्त मौसम के भी खेती की जा सकती है।

  • वर्ष भर फल सब्जियों एवं फलों का उत्पादन किया जा सकता है।

  • खेती की सामान्य पद्धति की तुलना में पॉलीहाउस में सब्जियों एवं फलों की पैदावार में 3 से 4 गुणा ज्यादा वृद्धि होती है।

  • बेहतर गुणवत्ता की फसल प्राप्त होती है।

  • पॉलीहाउस में रोगों का प्रकोप कम होता है।

  • बाजार मांग के अनुसार किसान फसलों का चयन कर सकते हैं।

  • कीटों का प्रकोप होने पर नियंत्रण में आसानी होती है।

  • पॉलीहाउस में बीज का अंकुरण अच्छी तरह होता है।

  • वर्षा, ओले, तेज हवाएं, लू, आदि से पौधों को नुकसान नहीं होता है।

  • सिंचाई में पानी की बचत होती है।

पॉलीहाउस में किन फसलों की खेती कर सकते हैं?

पॉलीहाउस में छोटे पौधों वाले फल, सब्जियों एवं फूलों की खेती आसानी से की जा सकती है।

  • फल : स्ट्रॉबेरी, अंगूर, केला, पपीता, नींबू, संतरा, माल्टा, आडू, आलू बुखारा, आदि कई फलों की खेती की जा सकती है।

  • सब्जियां : फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, मटर, बैंगन, मिर्च, लाल हरी एवं पीली शिमला मिर्च, मशरूम, ब्रोकली, ब्रुसेल स्प्राउट्स, लौकी, ककड़ी, भिंडी, खीरा, परवल, चुकंदर, मूली, गाजर, आदि कई सब्जियों की खेती कर सकते हैं।

  • फूल : जरबेरा, कारनेशन, गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, लीली, रजनीगंधा, ट्यूलिप, डेजी, ऑर्किड, फर्न, ग्लेडियोलस, आदि फूलों की खेती की जाती है।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी पॉलीहाउस में खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। अपने आने वाले पोस्ट में हम पॉलीहाउस में खेती की लागत एवं कुछ अन्य तकनीकों पर जानकारी साझा करेंगे। तब तक पशुपालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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