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कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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फूलों की खेती से महक उठेगा किसानों का जीवन

फूलों की खेती से महक उठेगा किसानों का जीवन

फूलों की खेती को नकदी फसल के तैर पर देखा जा सकता है। इन दिनों परंपरागत फसलों की खेती करने वाले किसान भी फूलों की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। शादी-विवाह का समय हो या त्योहारों का, फूलों की मांग हमेशा बानी रहती है। कुछ वर्ष पहले तक केवल गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा, आदि फूलों की ही व्यावसायिक खेती की जाती थी। लेकिन अब हमारे देश में कई देशी एवं विदेशी फूलों की व्यावसायिक खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। अगर आप भी करना चाहते हैं फूलों की खेती तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप फूलों की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

किन फूलों की होती है अधिक मांग?

  • गेंदा, गुलाब, अड़हुल, गुलदाउदी, रजनीगंधा, जीनिया, ग्लेडियोलस, लीली, पेटूनिया, कार्नेशन, जरबेरा, पियोनी, सूरजमुखी, कमल, आदि फूलों की मांग अधिक होती है।

कहां होता है फूलों का उपयोग?

  • विभिन्न रंगों एवं मनमोहक खुशबू वाले इन फूलों का प्रयोग विभिन्न समारोहों की सजावट में, गुलदस्ता बनाने में एवं मांगलिक कार्यों में किया जाता है।

  • इसके साथ ही कई तरह के फूलों से इत्र, पान मसाला, आयुर्वेदिक दवाएं, माउथ वॉश एवं कई सौंदर्य प्रसाधन भी तैयार किए जाते हैं।

फूलों की खेती के फायदे

  • फूलों की खेती करने वाले किसान कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

  • पौधों के रख-रखाव में कम खर्च होता है।

  • इसके साथ ही फूलों में अन्य फसलों की तुलना में कीट एवं रोगों का प्रकोप भी कम होता है।

  • जल्दी तैयार होने के कारण प्रति वर्ष 5 से 6 बार मौसम के अनुसार विभिन्न फूलों की खेती की जा सकती है।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी आपको पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी फूलों की खेती से जुड़ी यह जानकारियां प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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