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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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फूलगोभी की नर्सरी में पौध गलन की समस्या एवं नियंत्रण के उपाय

फूलगोभी की नर्सरी में पौध गलन की समस्या एवं नियंत्रण के उपाय

परिचय :

  • फूलगोभी की फसल में कई तरह के रोगों का प्रकोप देखने को मिलता है। इनमें से एक है - गलन रोग। गलन रोग को आद्रगलन रोग और डेम्पिंग ऑफ के नाम से भी जाना जाता है।

  • इस रोग से फसल के अधिकतर छोटे पौधे प्रभावित होते हैं। गलन रोग से फसल का उत्पादन 30 से 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

  • फसल को गलन रोग से बचाने के लिए इस पर नियंत्रण की जानकारी होना बेहद जरूरी है।

फूलगोभी में गलन रोग के लक्षण

  • गलन रोग से गोभी के बीज और छोटे पौधे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

  • इस रोग से प्रभावित बीज खराब हो जाते हैं।

  • बीज अंकुरित होने से पहले ही नष्ट हो जाते हैं।

  • इस रोग से पौधों का तना कमजोर हो जाता है।

  • कुछ समय बाद पौधों की जड़ें गलने लगती हैं और पौधों के पत्ते पीले होने लगते हैं।

  • रोग से धीरे - धीरे जड़ सूखने लगती है।

  • रोग का प्रकोप अधिक होने पर पौधे मर जाते हैं।

फूलगोभी में गलन रोग पर नियंत्रण के उपाय

  • खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें।

  • बुआई के लिए स्वस्थ बीजों का चयन करें।

  • बुआई के समय पौधों को ज्यादा गहराई में न लगाएं।

  • बुआई से पहले 3 ग्राम कार्बेन्डाजिम से प्रति किलोग्राम बीजों को उपचारित करें।

  • इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी से भी उपचारित कर सकते हैं।

  • संक्रमित पौधों को निकाल कर नष्ट कर दें।

  • फसल में रोग के लक्षण दिखने पर प्रति एकड़ खेत में 500 ग्राम मैंकोज़ेब 75 प्रतिशत या 400 ग्राम मेटलैक्सिल 35 प्रतिशत डबल्यूएस का छिड़काव करें।

गलन रोग का कारण क्या है?

  • यह रोग पाइथियम प्रजाति के फफूंद के कारण होता है।

  • वातावरण में अधिक ठंड एवं अधिक नमी एवं मौसम की अनुकूलता के कारण यह रोग होता है।

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फूलगोभी की फसल से भरपूर उत्पादन कैसे प्राप्त करें ? इसके लिए अपनी फसल की जानकारी साझा करें और हमें कमेंट बाक्स में सवाल पूछें।

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