पोस्ट विवरण
फसल में जिंक की कमी को दूर करेगा यह उत्पाद, आपके नजदीकी देहात केंद्र पर उपलब्ध
फसल में जिंक की कमी को दूर करेगा यह उत्पाद, आपके नजदीकी देहात केंद्र पर उपलब्ध
फसल में अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए जिंक पोषक तत्व की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिसकी पूर्ति के लिए किसानों के बीच जिंक सल्फेट खाद एक प्रख्यात उर्वरक है। खाद का उपयोग सामान्यतः बीजारोपण के समय पर करने की सलाह दी जाती है। पौधों में जिंक की उपस्थिति क्लोरोफिल के निर्माण में सहायक होती है। इसके साथ ही पौधों में नाइट्रोजन के पचने की क्षमता को बढ़ाने के साथ यह विभिन्न फसलों में प्रकाश को ग्रहण करने में भी मदद करता है। अच्छी जल निकासी, अनुकूल पीएच और पर्याप्त कार्बनिक युक्त सामग्री वाली मिट्टी में जिंक की उपयोग दक्षता अधिक होती है।
फसल में जिंक की कमी के लक्षण
-
पौधों में जिंक की कमी सबसे पहले पत्तियों पर दिखाई देती है और पत्तियों के ऊपरी भागों पर भूरे रंग के धब्बे बनने लगते हैं।
-
फसल में जिंक की कमी से पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है।
-
नए पत्तियों की शिराएं भूरे रंग की हो जाती है और पत्तियों के निचले भागों पर धब्बे, धारियां बन जाती है।
-
पौधो की जड़े भी कत्थई रंग की हो जाती है और पौधे बोने रह जाते हैं।
-
मृदा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी न केवल फसलों की उत्पादकता को सीमित करती है बल्कि अनाज की पोषण गुणवत्ता को भी कम करती है।
फसल में जिंक पोषक तत्व का प्रबंधन
-
फसल में जिंक की कमी के लक्षण दिखाई देने पर, तुरंत समाधान के लिए 5 ग्राम जिंक सलफेट प्रति लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ की दर से छिड़कें।
-
फसल में प्रभावी परिणाम पाने के लिए देहात के उन्नत उत्पादों में 33 % जिंक एवं 15 % सल्फर से युक्त जिंक सलफेट मोनो हाइड्रेट का प्रयोग 5 किलोग्राम प्रति एकड़ के अनुसार करें।
यह भी पढ़ें:
जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट जैसे कई उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद की खरीदारी आप अपने नजदीकी देहात केंद्र पर जा कर सकते हैं। इसके अलावा आप देहात की हाइपर लोकर सुविधा का लाभ उठाकर भी घर बैठे ही इन उत्पादों को खरीद सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कॉल करें 1800-1036-110 देहात टोल फ्री नंबर पर।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ