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फरवरी महीने में कैसे करें आम की देखभाल?
फरवरी महीने में कैसे करें आम की देखभाल?
कई क्षेत्रों में फरवरी महीने में आम के वृक्षों में मंजर आने लगते हैं। आम की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए इस महीने विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इस समय मौसम में बदलाव के कारण कई तरह के कीट एवं रोगों का भी प्रकोप होता है। समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में उच्च गुणवत्ता की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए यहां बताई गई बातों पर अमल करें।
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मिट्टी में नमी की मात्रा बरकरार रखने के लिए बाग में सिंचाई करें।
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मंजर में फल आने के बाद सिंचाई करें। फलों के विकास के समय भी सिंचाई करना जरूरी है।
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उचित मात्रा में सिंचाई करें। जल जमाव की स्थिति न होने दें।
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बाग की नियमित साफ-सफाई करें। बागों से खरपतवार, सूखी पत्तियां एवं टूटी हुई शाखाएं बाहर निकालें।
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वृक्षों में मंजर आने के बाद कीटनाशक एवं फफूंदनाशक का प्रयोग न करें।
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कीटनाशक के छिड़काव से मक्खियां मर जाएंगी और मंजर पर नमी भी होगी। इस कारण परागण नहीं हो पाता है।
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इस समय आम की फसल में हॉपर कीटों के प्रकोप का खतरा बढ़ जाता है। यह कीट पत्तियों एवं मंजर का रस चूस को हानि पहुंचाते हैं। प्रकोप बढ़ने पर वृक्षों में फल नहीं आते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिला कर छिड़काव करें।
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आम के वृक्षों में चूर्णिल आसिता रोग (पाउडरी मिल्ड्यू) होने की भी संभावना बनी रहती है। इस पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम घुलनशील गंधक मिला कर छिड़काव करें।
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मंजर आने के बाद बागों में मधुमक्खियों के बक्से रखें। इससे परागण अच्छी तरह होता है और वृक्षों में फल भी अधिक आते हैं।
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