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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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फरवरी महीने में करें इन 5 फसलों की खेती, होगी भरपूर कमाई

फरवरी महीने में करें इन 5 फसलों की खेती, होगी भरपूर कमाई

अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए सह समय पर बुवाई करना बहुत जरूरी है। अगर आप भी फरवरी महीने में खेती करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप इस समय खेती की जाने वाली 5 फसलों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

  • पेठा : प्रमुख कद्दूवर्गीय फसलों में पेठा भी शामिल है। इसकी बुवाई के लिए फरवरी का महीना उपयुक्त है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में इसकी बुवाई जून-जुलाई महीने में भी की जाती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने के लिए 2.4 से 3.2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेंडाजिम से उपचारित करें। बेहतर पैदावार के लिए आप पेठा की कोयम्बटूर 1, काशी धवल, पूसा विश्वास, काशी उज्ज्वल, कोयम्बटूर 2, पूसा हाइब्रिड, नरेन्द्र अमृत, संकर नरेन्द्र काशीफल 1, आदि किस्मों का चयन कर सकते हैं।

  • सूरजमुखी : यह समय सूरजमुखी की बुवाई के लिए सर्वोत्तम है। ज्वालामुखी, एम.एस.एफ.एच 4, के.वी.एस.एच 1, एम.एस.एफ.एच 19, आदि सूरजमुखी की बेहतरीन किस्में हैं। बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए इन किस्मों का चयन कर सकते हैं। बुवाई के समय पौधों से पौधों की दूरी करीब 30 सेंटीमीटर रखें।

  • भिंडी : हरी सब्जियों में भिंडी की मांग अधिक होती है। इस समय इसकी खेती कर के किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। इसकी बुवाई से पहले बीज को 12 से 24 घंटों तक पानी में डाल कर रखें। इससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं। बीज की बुवाई 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी पर एवं 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में करें।

  • मिर्च : मिर्च के बिना कई व्यंजनों का ज़ायका कम हो जाता है। इसलिए इसकी मांग सभी मौसम में होती है। उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए खोला मिर्च, सिंदूर, ज्वाला मिर्च, कल्याणपुर चमत्कार, अर्का मेघना, जवाहर मिर्च-218, आदि किस्मों की खेती कर सकते हैं।

  • मूंग : जायद मौसम सिंचाई की उचित व्यवस्था होने पर में मूंग की बुवाई फरवरी महीने में कर सकते हैं। बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम या 1 ग्राम कार्बेंडाजिम से उपचारित करें। इसके बाद प्रति किलोग्राम बीज को 5 ग्राम राइजोबियम कल्चर से भी उपचारित करें। इस तरह बीज उपचारित कर के हम फसल को कई घातक रोगों एवं कीटों से बचा सकते हैं।

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