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सूरजमुखी
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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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फरवरी में करें सूरजमुखी की बुवाई, मिलेगी अच्छी पैदावार

फरवरी में करें सूरजमुखी की बुवाई, मिलेगी अच्छी पैदावार

सूरजमुखी के फूल देखने में जितने आकर्षक होते हैं उतने की लाभदायक भी होते हैं। कई औषधीय गुणों के कारण सूरजमुखी की बीज से प्राप्त तेल का प्रयोग खाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इससे कई तरह के सौंदर्य प्रसाधन भी तैयार किए जाते हैं। इसकी खेती वैसे तो सभी मौसम में सफलतापूर्वक की जाती है। लेकिन अगर आप बेहतर पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं तो इसकी बुवाई फरवरी महीने में करें। इस समय सूरजमुखी की बुवाई करने पर पौधों में रोगों एवं कीटों के प्रकोप का खतरा भी कम होता है। जिससे किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा होता है। आइए सूरजमुखी से खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

बुवाई का उपयुक्त समय

  • सूरजमुखी की खेती रबी, खरीफ एवं जायद सभी मौसम में की जाती है।

  • बेहतर पैदावार के लिए इसकी बुवाई मध्य फरवरी तक करें।

बीज की मात्रा

  • प्रति एकड़ भूमि में संकुल किस्म की खेती करने के लिए 4.8 से 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • वहीं प्रति एकड़ भूमि में संकर किस्मों की खेती के लिए 2 से 2.4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

बीज उपचारित करने की विधि

  • बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम से उपचारित करें।

  • बुवाई से पहले बीज को 12 घंटों तक पानी में भिंगो कर रखें।

  • इसके बाद बीज को 3 से 4 घंटों तक किसी छांव वाली जगह पर सूखाने के बाद बुवाई करें।

बीज की दूरी

  • संकर किस्मों की खेती के लिए कतारों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए।

  • उन्नत किस्मों की खेती के लिए कतारों के बीच 45 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • पौधों से पौधों की दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

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