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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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फर्टिगेशन तकनीक

फर्टिगेशन तकनीक

क्या आप फर्टिगेशन तकनीक और इसके लाभों के बारे में जानतें है?

अंग्रेजी भाषा का शब्द फर्टिगेशन, फर्टिलाइजर और इर्रिगेशन दो शब्दों से बना है जिसका हिंदी शाब्दिक अर्थ है उर्वरक और सिंचाई दोनों एक साथ करना अर्थात पानी के साथ-साथ उर्वरक भी पौधों तक पहुंचाने को फर्टिगेशन कहा जाता है। यह उर्वरक देने की अत्याधुनिक विधि है इसमें सिंचाई के लिए जिस प्रकार ड्रिप विधि के द्वारा बूंद-बूंद करके पौधों को पानी दिया जाता है, उसी तरह उर्वरकों को सिंचाई जल में मिश्रित कर उर्वरकों को पानी के साथ ड्रिपर से पौधों तक पहुंचाया जाता है।

इसको एक सूत्र के रूप में समझें तो : सिचाई का पानी + उर्वरक = फर्टिगेशन

फर्टिगेशन को पौधों और मिट्टी में जरूरत के अनुरूप पानी व उर्वरकों का स्तर बनाये रखने के लिए अच्छी तकनीक के रूप में जाना जाता है। फर्टिगेशन विधि से उर्वरकों को कम मात्रा में जल्दी-जल्दी और कम अन्तराल पर सिंचाई के साथ दिया जा सकता है ताकि फसल को आवश्यकतानुसार पोषक तत्व मिल सकें और उर्वरकों का फसल पर पूरा असर दिखे ।

दानेदार और शुष्क उर्वरकों को फर्टिगेशन के द्वारा पौधों तक कैसे पहुंचाएं?
अधिकतर फर्टिगेशन में तरल पदार्थ के रूप में उर्वरकों का प्रयोग करते है परन्तु दानेदार और शुष्क उर्वरकों को भी फर्टिगेशन के द्वारा पौधों को दिया जा सकता है । इसमें  शुष्क उर्वरकों का इस्तेमाल करने से पहले उनका घोल बनाया जाता है। उर्वरकों के पानी में घोलने की मात्रा उनकी घुलनशीलता और पानी के तापमान पर निर्भर करती है। उर्वरकों के पानी में घुलने पर छानने के बाद ही इसका फर्टिगेशन करेंगे।

फर्टिगेशन तकनीक के लाभ:

  1. फर्टिगेशन द्वारा पौधों में जल एवं उर्वरकों का नियमित प्रभाव होता है जिससे उपज की गुणवत्ता और पैदावार में वृद्धि होती है।
  2. फर्टिगेशन द्वारा उर्वरक एवं अन्य पोषक तत्वों को फसल में जरूरत के अनुरूप पहुँचाया जा सकता है।
  3. फर्टिगेशन उर्वरक देने की सबसे सटीक एवं आधुनिक विधि है जिसमें उर्वरक सीधे पौधों की जड़ों में पहुंचता है जिससे खरपतवार पैदा होने की सम्भावना कम होती है।
  4. फर्टिगेशन विधि सबसे सरल है जिसमें श्रम और उर्वरक दोनों की बचत होती है।
  5. फर्टिगेशन ड्रिप द्वारा से हर प्रकार की जमीन पर खेती की जा सकती है।
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