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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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फ्रेंचबीन : खेती से पहले जानें इसकी उन्नत किस्में एवं पैदावार

फ्रेंचबीन : खेती से पहले जानें इसकी उन्नत किस्में एवं पैदावार

फ्रेंचबीन की हरी फलियों से सब्जी बनाई जाती है। इसके सूखे दानों से दाल बनाई जाती है। इसकी फलियों एवं दानों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैरोटीन, विटामिन, आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मैदानी क्षेत्रों में फ्रेंचबीन की खेती ठंड के मौसम में की जाती है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी खेती गर्मी के मौसम में की जाती है। इसकी बेहतर पैदावार के लिए इसकी उन्नत किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

फ्रेंचबीन की उन्नत किस्में

  • अर्का कोमली : इस किस्म को आईआईएचआर, बैंगलोर के द्वारा विकसित की गई है। इसकी फलियां सीधी, सपाट एवं हरे रंग की होती हैं। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 7.6 टन फलियां एवं 1.2 टन बीज की पैदावार होती है।

  • पूसा पार्वती : इस किस्म के पौधे झाड़ी की तरह होते हैं और इसके फूलों का रंग गुलाबी होता है। इसकी फलियां हरे रंग की, गोल एवं लंबी होती हैं। यह किस्म मोजैक रोग के प्रति सहनशील है।

  • पूसा हिमालय : यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के द्वारा विकसित की गई है। इस किस्म की फलियां मध्यम आकार की एवं गोल होती है। प्रति एकड़ भूमि में इस किस्म की खेती करने पर 10.4 टन तक पैदावार होती है।

  • वीएल बोनी 1 : यह फ्रेंचबीन की बौनी किस्म है। इस किस्म की फलियां गोल एवं हल्के हरे रंग की होती है। प्रति एकड़ भूमि में इस किस्म की खेती करने पर 4 से 4.4 टन तक पैदावार होती है।

इसके अलावा हमारे देश में फ्रेंचबीन की कई अन्य किस्मों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। जिनमें काशी परम, काशी सम्पन्न, पन्त अनुपमा, प्रीमियर, काशी राजहंस, स्वर्ण लता, केन्टुकी वंडर, आदि किस्में शामिल है।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इस जानकारी का लाभ उठाते हुए फ्रेंचबीन की इन किस्मों की खेती कर के बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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