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फल के बगीचों में करें हल्दी की खेती और पाएं अधिक मुनाफा
फल के बगीचों में करें हल्दी की खेती और पाएं अधिक मुनाफा
हल्दी का उपयोग मसाले, औषधि, रंग- रोगन एवं सौंदर्य के लिए किया जाता है। हल्दी की मांग हमेशा बाजार में बनी रहती है। इस कारण किसानों को हल्दी की कीमत भी अच्छी मिलती है। हल्दी की खेती से अधिक मुनाफा कमाने के लिए हम इसकी मिश्रित खेती भी कर सकते हैं। फलों के बगीचों में हल्दी की खेती आसानी से की जा सकती है। पेड़ों की छांव में हल्दी की खेती कर किसान एक समय पर अधिक लाभ कमा सकते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से किसान फल के बगीचे में हल्दी की खेती की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
फसल के रोपण का समय
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हल्दी की फसल की रोपाई अप्रैल से मई महीने में की जाती है।
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कम समय में तैयार होने वली किस्म के लिए जून के पहले सप्ताह तक रोपाई करें।
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लम्बी अवधि की किस्म के लिए जून से जुलाई महीने तक रोपाई करें।
हल्दी के लिए उपयुक्त मिट्टी
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हल्दी की फसल सभी मिट्टी में की जा सकती है।
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फलों के बाग में हल्दी की खेती के लिए जल निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।
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हल्दी की फसल के लिए जलोढ़, दोमट एवं लैटेराइट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
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मिट्टी का पीएच मान 5 से 7.5 होना चाहिए।
खेत की तैयारी एवं रोपाई की विधि
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सबसे पहले बाग में मौजूद खरपतवार, पत्तियां, वृक्षों की टहनियां, आदि को साफ करें।
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फसल की रोपाई से पहले बाग में मिट्टी की 3 से 4 बार अच्छी तरह जुताई करें।
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अब पाटा लगाकर मिट्टी को भुरभरी एवं समतल कर लें।
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हल्दी रोपण के लिए 15 सेंटीमीटर ऊंची, 1 मीटर चौड़ी तथा 3 से 4 मीटर लम्बी क्यारियां तैयार करें।
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2 क्यारियों के बीच की दूरी 50 सेंटीमीटर रखें।
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हल्दी का रोपण प्रकन्द से होता है।
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प्रति एकड़ के हिसाब से 4-5 क्विंटल प्रकन्द का प्रयोग करें।
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प्रत्येक प्रकन्द में 2 से 3 आंखें होनी चाहिए, इन्हीं से फसल का विकास होता है।
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कटे-सड़े एवं रोग से ग्रसित प्रकन्दों का इस्तेमाल न करें।
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रोपण से पहले प्रकन्दों को 0.25 प्रतिशत इंडोफिल एम-45 घोल में 30 मिनिट तक डुबाकर उपचारित करें।
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सभी प्रकन्दों को एक ही कतार में लगाएं।
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प्रकन्दों के रोपण के बाद नाली को मिट्टी से ढंक दें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और फल के बगीचे में हल्दी की खेती कर फसल से दुगुना लाभ प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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