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पाउडरी मिल्ड्यू रोग से पैदावार न हो कम, इस तरह करें नियंत्रण
पाउडरी मिल्ड्यू रोग से पैदावार न हो कम, इस तरह करें नियंत्रण
पाउडरी मिल्ड्यू एक फफूंद जनित रोग है। इस रोग से गेहूं, बैंगन, टमाटर, मक्का, कपास, ज्वार, गन्ना, पपीता, खीरा, आदि कई फसलें प्रभावित होती हैं। समय रहते यदि इस रोग पर नियंत्रण नहीं किया गया तो पैदावार में करीब 40 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। आइए इस घातक रोग के लक्षण एवं इस पर नियंत्रण की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लक्षण
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इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर सफेद रंग के पाउडर की तरह पदार्थ उभरने लगते हैं।
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धीरे-धीरे पौधों के तने, शाखाओं एवं फलों पर भी सफेद रंग के पदार्थ नजर आने लगते हैं।
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रोग बढ़ने पर पौधों एवं फलों के विकास में बाधा आती है।
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पत्तियां पीली हो कर गिरने लगती हैं।
पाउडरी मिल्ड्यू रोग पर नियंत्रण के तरीके
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कार्बेन्डाज़िम 50 डब्लू.पी से उपचारित करें।
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खड़ी फसल में रोग के लक्षण नजर आने पर प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब 72 एम.जेड मिलाकर भी छिड़काव करें।
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