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पालक की बुवाई का सही समय
पालक की बुवाई का सही समय
आयरन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पालक की खेती से कम समय में किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से पालक की बुवाई से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
बुवाई का समय
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पालक की खेती पूरे साल की जा सकती है।
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अच्छी पैदावार के लिए इसकी बुवाई जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर में करनी चाहिए।
बीज की मात्रा
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प्रति एकड़ जमीन में सामान्य तौर पर 5 से 6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
बुवाई की विधि
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आमतौर पर पालक की बुवाई छिटका विधि से की जाती है।
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इस विधि से खेती करने पर अधिक मात्रा में बीज की आवश्यकता होती है साथ ही निराई गुड़ाई में भी कठिनाई होती है।
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अधिक पैदावार के लिए पालक के बीज की बुवाई क्यारियों में करनी चाहिए।
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सभी क्यारियों के बीच 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
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बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 8-10 ग्राम ट्राइकोडर्मा से उपचारित करें। इससे जड़ गलन की समस्या को रोका जा सकता है।
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बीज की बुवाई 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर करें। अधिक गहराई में बुवाई करने पर अंकुरण में समस्या आती है।
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खेत में जल जमाव न होने दें।
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