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नींबू की फसल डाइबैक रोग से हो न जाए नष्ट
नींबू की फसल डाइबैक रोग से हो न जाए नष्ट
नींबू के पौधों में कई तरह के रोग होते हैं। जिनमे डाइबैक रोग, आदि शामिल हैं। इन रोगों से नींबू की फसल को काफी नुकसान होता है। नींबू के अलावा इस रोग से आम के पौधे भी प्रभावित होते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ डाइबैक रोग की जानकारी साझा करेंगे। यहां से आप डाइबैक रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के तरीके देख सकते हैं।
डाइबैक रोग के लक्षण
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इस रोग से प्रभावित पौधों की वृद्धि रुक जाती है।
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उत्पादन में कमी आती है।
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पौधों की पत्तियां पीली होने लगती हैं।
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ऊपर की शाखाएं सूखने लगती हैं।
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फल तैयार होने से पहले ही गिरने लगते हैं।
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पौधों की जडें काले रंग की हो जाती हैं।
नियंत्रण के तरीके
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रोग से प्रभावित शाखाओं को काट कर पौधे से अलग करें।
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प्रति लीटर पानी में 3 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड मिला कर छिकड़ाव करें।
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब मिला कर छिड़काव करें।
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आवश्यकता होने पर 15 से 20 दिनों के अंतराल पर कवकनाशी का दोबारा छिड़काव करें।
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फरवरी एवं अप्रैल के महीने में सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति करें।
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