पोस्ट विवरण
सुने
फल
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
Follow

नैक्ट्रिन : विदेशी फलों की बढ़ी मांग, ऐसे करें आपूर्ति

नैक्ट्रिन : विदेशी फलों की बढ़ी मांग, ऐसे करें आपूर्ति

नैक्ट्रिन सेब की तरह नजर आने वाला एक विदेशी फल है। नैक्ट्रिन आडू एवं प्लम से तैयार किया गया है। यह फल बहुत स्वादिष्ट एवं रसीले होते हैं। इन दिनों विदेशी फलों की मांग बढ़ती जा रही है। नैक्ट्रिन के ताजे फलों से सेवन के साथ इसके फलों को सूखा कर एवं जैम, जेली, जूस बना कर भी उपयोग किया जाता है। आइए नैक्ट्रिन की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करें।

नैक्ट्रिन की खेती का उपयुक्त समय

  • पौधों की रोपाई लगभग सभी मौसम में की जा सकती है।

  • पौधों की रोपाई के लिए वसंत ऋतु का शुरुआती समय सर्वोत्तम है।

  • इसके अलावा मध्य दिसंबर से मध्य फरवरी के बीच भी पौधों की रोपाई की जाती है।

उपयुक्त मिट्टी एवं जलवायु

  • इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।

  • पौधों के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु उपयुक्त है।

  • पौधों के उचित विकास के लिए तापमान करीब 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तक होना चाहिए।

खेत की तैयारी एवं पौधों की रोपाई

  • सबसे पहले खेत की 1 बार गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद 2 से 3 बार तिरछी जुताई करें।

  • जुताई के बाद पाटा लगा कर मिट्टी को समतल एवं भुरभुरी बनाएं।

  • इसके बाद खेत में करीब 20 फीट की दूरी पर गड्ढे तैयार करें।

  • सभी गड्ढे कतार में तैयार करें। सभी कतारों के बीच 18 से 20 फीट की दूरी रखें।

  • गड्ढों की चौड़ाई एवं गहराई 1.5 से 2 फीट तक रखें।

  • सभी गड्ढों में मिट्टी में 10 से 12 किलोग्राम गोबर की खाद मिला कर भरें।

  • इसके अलावा आप सभी गड्ढों में 50 ग्राम एन.पी.के खाद भी मिला सटे हैं।

  • इसके बाद सभी गड्ढों में पौधों की रोपाई करें।

फलों की छंटाई

  • नैक्ट्रिन के पौधों में बहुत अधिक मात्रा में फल आते हैं। इस कारण सभी फलों का उचित विकास नहीं हो पाता है।

  • ऐसे में पौधों में फल आने के कुछ समय बाद अच्छे से विकास कर रहे हल्के बड़े फलों को छोड़कर कमजोर एवं छोटे फलों को तोड़ कर अलग कर देना चाहिए।

फलों की तुड़ाई

  • नैक्ट्रिन के पौधे रोपाई के करीब 3 वर्ष बाद फल आने शुरू हो जाते हैं।

  • पौधों में फूल आने के करीब 5 से 6 महीने बाद फलों की तुड़ाई की जा सकती है।

  • इसके फलों में डंठल नहीं होते हैं। इसलिए फलों की तुड़ाई सावधानीपूर्वक करें।

यह भी पढ़ें :

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपने लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इसे लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

8 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ