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मूंगफली की फसल में खरपतवार प्रबंधन
मूंगफली की फसल में खरपतवार प्रबंधन
मूंगफली की बुवाई के बाद उसका रखरखाव करना बहुत जरूरी है। पौधों की देखभाल के समय खरपतवार पर नियंत्रण करना सबसे आवश्यक है। खेत में खरपतवार की अधिकता से फसलों की उपज पर विपरीत असर होता है। मूंगफली की बुवाई के बाद 3 से 6 सप्ताह के बीच खेत में विभिन्न किस्मों के घास के निकलने की संभावना सबसे अधिक होती है। इस पोस्ट में दिए गए उपायों एवं दवाओं के प्रयोग से आप आसानी से इस पर नियंत्रण कर सकते हैं।
नियंत्रण के उपाय
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मूंगफली की अच्छी फसल के लिए 1 से 2 बार निराई-गुड़ाई करना आवश्यक है।
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फसल बुवाई के बाद 45 दिन खरपतवार की रोकथाम करना बहुत आवश्यक होता है। यदि आवश्यकतानुसार खरपतवार प्रबंधन न किया जाए तो 30 से 50 प्रतिशत तक उपज का नुकसान हो सकता है।
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बुवाई के 15 दिनों बाद पहली निराई-गुड़ाई करें।
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दूसरी निराई-गुड़ाई बुवाई के 35 दिनों बाद करें।
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निराई-गुड़ाई करने से जड़ों का विकास अच्छा होने के साथ मिट्टी में हवा का संचार भी बढ़ता है।
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बुवाई के बाद 3 दिनों के अंदर प्रति एकड़ खेत में 700 ग्राम पेंडीमिथेलीन 38.7 प्रतिशत का प्रयोग करें।
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खड़ी फसल में 150- 200 लीटर पानी में 250 मिलीलीटर की दर से इमेजाथापर 10 % SL मिला कर छिड़काव करें।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताए गए उपायों को अपना कर आप मूंगफली की अच्छी फसल प्राप्त करेंगे। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई तो इस पोस्ट को लाइक करें और अपने सवाल हमसे कमेंट के द्वारा पूछें।
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