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कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
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मूंग की फसल में रस चूसक कीट को इस तरह करें नियंत्रित

मूंग की फसल में रस चूसक कीट को इस तरह करें नियंत्रित

दलहन फसलों में मूंग का एक विशेष स्थान है। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा का अच्छा स्त्रोत है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी की मात्रा भी पाई जाती है। इसकी खेती खेत की मिट्टी के लिए बहुत लाभदायक है। लेकिन कई बार रस चूसक कीटों के प्रकोप के कारण मूंग की फसल को भारी नुकसान होता है। ऐसे में आप मूंग की फसल में लगने वाले रस चूसक कीटों की जानकारी एवं नियंत्रण के तरीके यहां से देख सकते हैं।

  • थ्रिप्स : यह कीट मूंग के पौधों का रस चूस कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रभावित पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं। प्रकोप बढ़ने पर पौधे पीले हो कर कमजोर हो जाते हैं और पौधों का विकास रुक जाता है। इस कीट को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें। प्रति किलोग्राम बीज को 2 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड से उपचारित करें। थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिला कर छिड़काव करें।

  • माहू : समूह में होने के कारण यह फसल को कम समय में अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। व्यस्क कीट की लंबाई करीब 1 से 2 मिलीमीटर होती है। यह कीट पौधों के कोमल तने, पत्तियां, फूल एवं फलियों का रस चूसते हैं। फलस्वरूप पौधे कमजोर हो जाते हैं एवं पत्तियां सिकुड़ी हुई सी नजर आती हैं। पौधों में फूल कम निकलते हैं एवं फलियों में दाने नहीं बन पाते हैं। प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है। माहू पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 5-6 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं। इसके साथ ही 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।

  • सफेद मक्खी : व्यस्क कीट का रंग सेफद एवं अंडे सफेद से मटमैले रंग के होते हैं। यह मक्खियां पत्तियों का रस चूसती हैं। जिससे पत्ते सिकुड़ कर गिरने लगते हैं। पौधों का विकास रुक जाता है। यह मक्खियां वायरस रोगों को एक पौधे से दूसरे पौधों में फैलाने का भी काम करती हैं। नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एससी मिलाकर छिड़काव करें।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इस पोस्ट में बताई गई दवाओं एवं अन्य उपायों का प्रयोग कर के आप मूंग की फसल में रस चूसक कीटों पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों से साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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