पोस्ट विवरण
मूली : लाही से बचाव
मूली : लाही से बचाव
मूली की खेती ठंडे तापमान वाले क्षेत्रों के साथ अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में भी की जा सकती है। बुवाई के करीब 30 दिनों बाद फसल तैयार हो जाती है। लगभग 2 महीने में खेत खाली हो जाती है और किसान अन्य फसलों की बुवाई कर सकते हैं। मूली की फसल में पत्ती काटने वाली सुंडी, सरसों की मक्खी एवं लाही का प्रकोप सबसे ज्यादा होता है। अगर आप मूली की खेती कर रहे हैं और लाही के कारण हैं परेशान तो यहां से बचाव के उपाय देख सकते हैं।
कीट की पहचान
-
यह कीट छोटे आकार के होते हैं और पौधों पर समूह में आक्रमण करते हैं।
-
इनकी लंबाई 1 से 1.5 मिलीमीटर होती है।
-
यह पौधों का रस चूस कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
बचाव के उपाय
-
खेत में खरपतवार पर नियंत्रण रखें।
-
इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 5-6 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं।
-
इससे बचने के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करें।
-
15 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर देहात कटर, 5 मिलीलीटर किलमाईट एवं 10 ग्राम देहात पंच मिलाकर छिड़काव करें।
-
इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।
इन दवाओं का प्रयोग करके मूली की फसल में लाही पर आसानी से नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ