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नाशीजीव प्रबंधन
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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मूली की फसल में फफूंद जनित रोग पर नियंत्रण कैसे करें ?

मूली की फसल में फफूंद जनित रोग पर नियंत्रण कैसे करें ?

परिचय :

  • मूली का स्वाद तीखा होता है। इसकी फसल में काफी फफूंद जनित रोगों का प्रकोप देखने को मिलता है। इसके कारण मूली के उत्पादन और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है।

  • इस समस्या से किसानों को काफी नुकसान होता है। किसान समय से इसकी पहचान कर, फसल को फफूंद जनित रोगों से बचा सकते हैं।

  • इस आर्टिकल के माध्यम से किसानों को मूली की फसल में फफूंद जनित रोग पर नियंत्रण के उपाय बताएंगे। विस्तार से जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

मूली की फसल में फफूंद जनित रोग के लक्षण

  • फफूंद जीवाणु पौधों की जड़ों को संक्रमित करते हैं।

  • जड़ों के साथ ही यह पौधों को भी प्रभावित करते हैं।

  • कई बार आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने से भी फसल गलने लगती है।

  • इस कारण उसमें फफूंद लग जाता है।

  • पानी का खेत में जमा रहना भी इस समस्या का मुख्य कारण है।

  • सफेद मक्खी कीट से भी फसल में फफूंद लगती है।

  • सफेद मक्खी एक चिपचिपे पदार्थ का स्राव करती है।

  • इससे फफूंद जनित रोग होता है।

  • यह हवा से एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता है।

  • इस कीट के कारण पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।

  • अधिक प्रभाव होने पर पौधा सूख जाता है।

मूली की फसल में फफूंद जनित रोग पर नियंत्रण के उपाय

  • इस रोग की रोकथाम के लिए खेत तैयार करते समय मिट्टी को अच्छी धूप लगाएं।

  • खेत की आखिरी जुताई के समय नीम की खली एवं गोबर खाद का प्रयोग करें।

  • बीज को ठंडी एवं अत्यधिक नम मिट्टी में न डालें।

  • बाविस्टीन या कैप्टान की 2 ग्राम मात्रा से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करें।

  • प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

  • फसल में संतुलित मात्रा में सिंचाई करें।

  • पानी को खेत में जमा न रहने दें। जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • फफूंद नाशक दवा डाइथेन एम-45 या जेड 78 का 0.2 प्रतिशत घोल का छिड़काव करें।

  • पोषक तत्वों का संतुलित मात्रा में इस्तेमाल करें।

  • उचित फसल चक्र को अपनाएं।

  • प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।

  • सफेद मक्खी कीट के नियंत्रण के लिए मैलाथियान 2 मिलीलीटर का प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

  • चिपको या स्टीकर का प्रयोग करने से कीट पर काबू पाया जा सकता है।

  • फसल को बचाने के लिए एक लीटर नीम के तेल को 200 लीटर पानी में मिलकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।

मूली में फफूंद लगने के मुख्य कारण

  • मिट्टी में फफूंद का होना

  • सफेद मक्खी का प्रकोप

  • अत्यधिक सिंचाई

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मूली की फसल से भरपूर उत्पादन कैसे प्राप्त करें ? इसके लिए अपनी फसल की जानकारी साझा करें और हमें कमेंट बाक्स में सवाल पूछें।

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