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मूली की खेती का समय और खेत तैयार करने की विधि जानें और पाएं अधिक मुनाफा
मूली की खेती का समय और खेत तैयार करने की विधि जानें और पाएं अधिक मुनाफा
मूली एक जड़ वाली सब्जी है। इसका इस्तेमाल साग, कच्ची सलाद, सब्जी और अचार बनाने में किया जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, गुजरात, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश में की जाती है। मूली की फसल से किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। मूली की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए सही देखभाल की जरूरत होती है। मूली की फसल को किसान गन्ना, आलू, सरसों, मेथी, गेहूं और जौ की फसल के साथ आसानी से ऊगा सकते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को मूली की खेती के लिए उचित समय एवं खेती तैयार करने की विधि बतायेंगे। जिनको अपनाकर किसान अधिक मुनाफा ले सकते हैं। तो जानने के लिए पढिये यह आर्टिकल।
मूली की खेती का उचित समय
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मूली की खेती मैदानी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों में की जाती है।
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मैदानी भागों में इसकी बुवाई सितंबर से जनवरी महीने तक की जाती है।
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इसके अलावा मैदानी क्षेत्रों में इसकी बुवाई जनवरी-फरवरी महीने में भी की जाती है।
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वहीं पहाड़ी इलाकों में इसकी बुवाई मार्च से अगस्त महीने तक की जाती है।
मूली के लिए खेत तैयार करने की विधि
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मूली की खेती के लिए भुरभरी मिट्टी उचित होती है।
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मूली एक जड़ वाली फसल है। इसकी जड़े गहरी मिट्टी में जाती है, इसलिए खेत की गहरी जुताई करें।
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खेत की गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभरी बना लें।
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इसके बाद खेत में 3 से 4 बार हल्की जुताई करें।
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आखिरी जुताई के समय 80 से 100 क्विंटल प्रति एकड़ गोबर खाद का प्रयोग करें।
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इसके साथ ही 25 किलोग्राम नाईट्रोजन, 15 किलोग्राम फास्फोरस और 40 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ खेत में प्रयोग करें।
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खेत की जुताई के बाद खेत में क्यारियां तैयार करें।
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अच्छी पैदावार के लिए बीज की बुवाई करीब 1 से 2 सेंटीमीटर की गहराई में करें।
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दो पंक्तियों के बीच की दूरी 45 सेंटीमीटर रखें।
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वहीं दो पौधों के बीच की दूरी 7.5 सेंटीमीटर रखें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मूली की खेती का उचित समय एवं खेत तैयार करने की विधि जानकर, फसल से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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