मूंगफली की फसल में लीफ माइनर कीट, दीमक, सफेद लट, गिडार कीट, आदि का प्रकोप होता है। समय रहते इन कीटों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो मूंगफली की पैदावार में भारी कमी आती है। यदि आप भी कर रहे हैं मूंगफली की खेती तो फसल में विभिन्न कीटों से होने वाले नुकसान एवं इन पर नियंत्रण के तरीके जानना बहुत जरूरी है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
तम्बाकू की सुंडी : यह कीट पत्तियों के हरे पदार्थ को खुरच कर खाते हैं। जिससे पत्तियां पीली हो जाती हैं और पत्तियों पर छोटे-छोटे छेद भी नजर आने लगते हैं। तम्बाकू इल्ली पर नियंत्रण के लिए खेत में फेरोमोन ट्रेप लगाएं। इसके साथ ही प्रति एकड़ जमीन में देहात कटर 50 मिलीलीटर के साथ 50 मिलीलीटर एक्टिवेटर मिला कर छिड़काव करें।
लीफ माइनर कीट : यह कीट पत्तियों के हरे पदार्थ को खुरच कर खाते हैं। प्रभावित पत्तियों पर टेढ़े-मेढ़े सुरंग की तरह लकीरें उभरने लगती हैं। जिससे पत्तियों पर सफेद रंग की धारियां नजर आने लगती हैं। प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें।
गिडार कीट : यह कीट सफेद रंग के होते हैं और इनका सिर भूरा कत्थई या लाल रंग के होता है। यह कीट पौधों की जड़ों को खाते हैं। जिससे पौधे सूखने लगते हैं। इस कीट पर नियंत्रण के लिए 0.03 प्रतिशत क्लोरपायरीफॉस का छिड़काव करें।
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