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मूंगफली में लौह तत्व की कमी से पौधों के विकास में न आए बाधा

मूंगफली में लौह तत्व की कमी से पौधों के विकास में न आए बाधा

तिलहन फसलों में मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। वैसे तो इसकी खेती देश के कई क्षेत्रों और विभिन्न मिट्टी एवं जलवायु में सफलतापूर्वक की जाती है। लेकिन गुजरात एवं राजस्थान में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। पौधों के बेहतर विकास के लोए दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है। अब पौधों के विकास की बात आई है तो हम उर्वरकों के योगदान को कैसे भूल सकते हैं। पौधों को उचित विकास के लिए कुल 17 पोषक तत्वों की आवशयकता होती है। इनमें से एक भी पोषक तत्व की कमी हो जाए तो इसका विपरीत असर पौधों के विकास में बाधा, फूल एवं फलों का झड़ना, जड़ें कमजोर होना, पत्तियों में पीलापन, आदि के रूप में देखे जा सकते हैं। इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में लौह तत्व यानी आयरन भी शामिल है। जलमग्न खेतों में लौह तत्व की भारी कमी की समस्या होती है।

अब एक बड़ा सवाल यह उठता है कि लौह तत्व की कमी से मूंगफली के पौधों में किस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। आयरन कमी की कमी होने पर प्रकाश संश्र्लेषण के साथ मिट्टी में नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में भी बाधा आती है। इसकी कमी होने पर पौधे अपना भोजन नहीं बना पाते हैं। जिससे पत्तियां धीरे-धीरे पीली होने लगती हैं। हालांकि जिंक की कमी होने पर भी पत्तियों में पीलेपन की समस्या होती है। लेकिन वह पीलापन केवल पत्तियों के नीचले भाग तक सिमित रहता है। इसके विपरीत लौह तत्व की कमी होने पर पूरी पत्तियों पर पीलापन देखा जा सकता है। कुछ समय बाद पत्तियां सफेद होने लगती हैं और समस्या बढ़ने पर पत्तियों की सतह पर भूरे रंग के गले हुए धब्बे उभरने लगते हैं। वहीं समय रहते अगर जिंक की पूर्ति नहीं की जाए तो पौधों की नई पत्तियों का रंग सफेद और आकार छोटा रह जाता है।

मूंगफली की फसल में कैसे करें लौह तत्व की पूर्ति?

  • फसल में लौह तत्व की कमी के लक्षण नजर आने पर प्रति एकड़ खेत में 10 किलोग्राम फेरस सल्फेट का प्रयोग करें।

  • इसके अलावा चीलेटेड आयरन के इस्तेमाल से भी लौह तत्व की कमी की पूर्ति की जा सकती है।

  • इसके लिए प्रति लीटर पानी में 1 से 2 ग्राम एफ इ-इडीटीए नामक दवा का प्रयोग करें।

  • चीलेटेड आयरन के इस्तेमाल से पौधों में कीट एवं रोगों के लिए प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

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यह दोनों दवाएं आप अपने नजदीकी देहात केंद्र से खरीद सकते हैं। आप चाहें तो देहात हाइपरलोकल सुविधा के द्वारा इन उत्पादों को अपने घर बैठे भी प्राप्त कर सकते हैं। मूंगफली की खेती से जुड़े अपने सवाल बेझिझक हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। आप हमारे टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर संपर्क कर के कृषि विशेषज्ञों से परामर्श भी ले सकते हैं। इस जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करना न भूलें।

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