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मूंगफली में बढ़ रहे तंबाकू इल्ली के प्रकोप से जाने कैसे करें फसल का बचाव

मूंगफली की खेती में खड़ी फसल से लेकर भंडारण तक कीट प्रकोप फसल हानि का एक बड़ा कारण है। मूंगफली में वर्तमान में आंध्र प्रदेश,तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, कर्नाटक ,गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों में तंबाकू सुंडी का प्रकोप देखने को अधिक मिल रहा है, जिससे किसानों के बीच उपज में भारी हानि के कयास लगाए जा रहे हैं।

कीट का वैज्ञानिक नाम “स्पोडोप्टेरा लिटुरा” है, जिसका लार्वा हरे रंग के साथ  शरीर पर गहरे निशान के साथ काले धब्बों के साथ पहचाना जा सकता है। कीट का पूर्ण विकसित वयस्क, गहरे भूरे रंग का होता है, जिसके शरीर के दोनों ओर पीले रंग की पट्टी पाई जाती है। 15 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान कीट की बढ़वार के लिए अनुकूल माना जाता है, जिसमें मादाएँ पत्तियों की ऊपरी सतह पर गुच्छों में अंडे देकर कीट की संख्या को बढ़ाती है।

कीट के लक्षण

  • यह कीट अधिकतर पत्तियों और तनों को नुकसान पहुंचाते हैं।

  • भारी बारिश के बाद संक्रमण विकसित होता है और तेजी से फैलता है।

  • कीट मूंगफली फसल में वानस्पतिक अवस्था के दौरान एवं और फली बनने के समय दिखाई देते हैं।

  • यह कीट ज़्यादातर रात में सक्रिय होते हैं और पत्तियों पर हमला करते हैं।

  • लार्वा पत्तियों को खाकर उसमें छेद कर देते हैं। पत्तियों को खाने के बाद, वे कोमल फलियों पर भी सेवन करते हैं, परिणामस्वरूप 30 से 50 % फली क्षतिग्रस्त हो जाती है।

  • कीट के अत्यधिक प्रकोप के कारण पौधों पर केवल शाखाएं और डंठल शेष रहते हैं, जिससे पौधों में प्रकाश संश्लेषण नहीं हो पता है और फसल की पैदावार प्रभावित हो जाती है।

कीट का नियंत्रण

  • जिस पत्ते पर कीट के अंडे दिखाई दें, उसे नष्ट कर दें।

  • बुवाई के 15 से 20 दिनों के बाद खेत से खरपतवार निकाल दें।

  • खेत में लम्बे समय तक सूखे से बचने के लिए नियमित रूप से सिंचाई करें।

  • पतंगों को आकर्षित करने के लिए फेरोमोन जाल का प्रयोग करें।

  • डाईफ्लूबेनजूराॅन 25% डब्लू पी 200-400 ग्राम प्रति एकड की दर से छिड़कें।

  • किसी भी प्रकार के रसायन के प्रयोग से पहले कृषि विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।

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मूंगफली की खेती से जुड़े अपने सवाल बेझिझक हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। आप हमारे टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर संपर्क कर के कृषि विशेषज्ञों से परामर्श भी ले सकते हैं। इस जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करना न भूलें।


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