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मूँगफली
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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मूंगफली की फसल में सकरी और चौड़ी पत्ती खरपतवार का रोकथाम

खरपतवार क्या होते हैं?

  • खरपतवार अवांछनीय पौधे या घास है, जो खेतों में फसलों के साथ उगकर मिट्टी से पोषक तत्वों का शोषण करते हैं और फसल की वृद्धि को रोकते हैं।

  • मूंगफली की फसल में सामान्यतः जंगली चौलाई, मोथा, दूधी घास, लकासा, हिरनखुरी, बनचरी, हजारदाना, गोखरू, सत्यानाशी, कृष्णनील आदि प्रकार के खरपतवार अधिक देखने को मिलते हैं।

फसल में खरपतवार से होने वाले नुकसान

  • फसल के शुरुआती समय में खेत में खरपतवार होने से यह मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं। जिससे पौधों को वह पोषण नहीं मिल पाता है और उनकी वृद्धि रुक जाती है।

  • विभिन्न प्रकार के कीट और  रोग इन खरपतवारों को अपना आश्रय बना देते हैं।

  • फसल की कटाई के समय पर खरपतवार होने से यह पौधे फसल को चारों तरफ से जकड़ लेते हैं और फसल की कटाई मुश्किल हो जाती है।

  • फसल में 34.3% से 89.8% तक उपज की कमी देखी जा सकती है।

  • फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

  • भण्डारण में फसल के साथ खरपतवार के बीज मिले होने पर फसल जल्दी खराब होने लगती है।

खरपतवार के नियंत्रण के उपाय

  • खेत की गहरी जुताई करें।

  • खेत में जलजमाव न होने दें।

  • बढ़ीया पैदावार लेने के लिए पहले 45 दिन फसल को खरपतवार से बचाने के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए फसल में दो बार निराई-गोड़ाई करें।

  • बुवाई के 15 दिनों बाद पहली निराई-गुड़ाई करें।

  • दूसरी गुड़ाई पहली गुड़ाई के 3 हफ्ते बाद करें।

  • दूसरी गोड़ाई के समय जड़ों के साथ मिट्टी चढ़ाएं। इससे फलियों के संचार में आसानी होती है और पैदावार में भी विकास होता है|

  • फलियां बनने के समय पर गुड़ाई न करें।

  • बुवाई के लिए खरपतवार युक्त फसल के बीजों का प्रयोग न करें।

  • समय-समय पर खेत का निरीक्षण करते रहें और खरपतवार दिखने पर हाथ से उखाड़ कर खेत साफ करते रहें।

  • खरपतवार की अधिकता होने पर शाकनाशी का प्रयोग भी किया जा सकता है। लेकिन इनका प्रयोग केवल खरपतवार की अधिकता होने पर ही करें।

रासायनिक नियंत्रण

  • घास के अंकुरण से पहले फ्लूक्लोरेलिन, 600 मिलीलीटर या पेंडीमिथालिन 1 लीटर को प्रति एकड़ में डालें।

  • खड़ी फसल में 150- 200 लीटर पानी में 250 मिलीलीटर की दर से इमेजाथापर 10 % SL मिला कर छिड़काव करें।

  • 100 से 200 ग्राम ऑक्सीफ्लोरफेन को प्रति एकड़ की दर से अंकुरण से पहले खेत में डालें।

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मूंगफली की खेती से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप अपने सवाल हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।

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