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मूँगफली
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
1 year
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मूंगफली की फसल का पीला होना और उसका उपचार

मूंगफली की फसल का पीला होना और उसका उपचार

मूंगफली के पौधों के पीले होने के कारण

  • मूंगफली की फसल में फेरस सल्फेट की कमी के कारण पीलापन देखने को मिलता है।

  • पौधों को कम धूप मिलने के कारण भी पौधे सल्फेट का उत्पादन नहीं कर पाते हैं और पीले होने लगते हैं।

फेरस सल्फेट की कमी से होने वाले नुकसान

  • फेरस सल्फेट की कमी से पौधों में क्लोरोफिल बनने की प्रक्रिया प्रभावित होने लगती है।

  • नए उभरते हुए पत्ते पीले और सफेद हो जाते हैं।

  • अधिक प्रभाव होने पर पूरी फसल सूख कर पीली हो जाती है।

  • पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया रुक जाती है और पौधे अपना भोजन नहीं बना पाते हैं।

  • उपज की गुणवत्ता और पैदावार में कमी हो जाती है।

  • पौधे में पोषक तत्वों का अपवाह धीमा हो जाता है।

नियंत्रण के उपाय

  • चूनेदार या क्षारीय भूमि में मूंगफली की खेती नहीं करनी चाहिए।

  • पौधों को पानी आवश्यक मात्रा में ही देना चाहिए।

  • प्रति 3 वर्ष में 100 किलोग्राम जिप्सम प्रति एकड़ खेत की दर से मिट्टी में मिला देना चाहिए।

  • अधिक यूरिया के प्रयोग से बचना चाहिए।

  • फसल में फूल आने से पहले और फूल आने पर फेरस सल्फेट 0.5 प्रतिशत के घोल का छिड़काव संक्रमित पौधों पर करना चाहिए।

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मूंगफली की खेती से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप अपने सवाल हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं।

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