काला सड़न रोग को ब्लैक रॉट रोग के नाम से भी जाना जाता है। मूंगफली के पौधों में इस रोग के कारण पैदावार में भारी कमी आती है। अगर आप भी कर रहे हैं मूंगफली की खेती तो इस घातक रोग से बचने के तरीके जानने के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। आइए मूंगफली की फसल में काला सड़न रोग पर नियंत्रण पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
काला सड़न रोग का लक्षण
इस रोग का लक्षण सबसे पहले पत्तियों पर नजर आता है।
प्रभावित पत्तियों की शिराएं काली हो जाती हैं।
धीरे-धीरे पूरी पत्तियां पीली हो कर सूखने लगती हैं।
पौधों को उखाड़ कर देखने पर जड़ों में काले रंग के पदार्थ नजर आते हैं।
पौधों की जड़ें गलने लगती हैं।
कुछ समय बाद पूरा पौधा मुरझा कर सूख जाता है।
काला सड़न रोग पर नियंत्रण के तरीके
खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
क्यारियों के ऊपरी भाग में पौधों की रोपाई करें।
खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण करें।
इस रोग से बचने के लिए रोग रहित प्रमाणित बीज का चयन करें।
रोग को फैलने से रोकने के लिए संक्रमित पौधों को नष्ट कर दें।
इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 मिलीलीटर देहात फुल स्टॉप मिलाकर छिड़काव करें।
इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 2.5 ग्राम कार्बेंडाजिम मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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