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मूंगफली
मूँगफली
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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मूंगफली : इस तरह करें अप्रैल के आखिरी सप्ताह में खेती

मूंगफली : इस तरह करें अप्रैल के आखिरी सप्ताह में खेती

मूंगफली एक तिलहनी फसल है। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटाश जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इसकी खेती गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में अधिक की जाती है। अगर बात करें इसकी बुआई कि तो इसकी खेती मानसून से पहले की जाती है। अगर सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं तो इसकी खेती पहले यानी अप्रैल के आखिरी सप्ताह में भी कर सकते हैं। मूंगफली की फसल खरीफ एवं जायद दोनों ऋतु में की जाती है। लेकिन किसान इसकी बुआई को लेकर दुविधा में रहते हैं। तो चलिए जानते हैं किसान किस समय इसकी बुआई कर सकते हैं। साथ ही खेत तैयार करने की विधि एवं बीज मात्रा की जानकारी जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

बीज की मात्रा

  • मूंगफली की खेती के लिए एक एकड़ खेत में 38 से 40 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें।

बुआई का समय

  • मूंगफली की खेती मानसून से पहले की जाती है।

  • सिंचाई के साधन उपलब्ध होने पर आप अप्रैल के आखिरी सप्ताह तक मूंगफली की खेती कर सकते हैं।

  • खरीफ फसल में मूंगफली की खेती जून से अक्टूबर महीने तक की जाती है।

खेत तैयार करने की विधि

  • मूंगफली के लिए दोमट मिट्टी अच्छी रहती है।

  • मिट्टी पलटने के लिए पहले खेत की गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद 2-3 बार खेत की हल्की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बनाएं।

  • अब खेत में पाटा चला कर मिट्टी को समतल बना लें।

  • सल्फर की पूर्ति के लिए खेत की आखिरी जुताई के समय एक क्विंटल जिप्सम का प्रयोग प्रति एकड़ की दर से करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मूंगफली की समय से खेती कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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