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मूंगफली बुआई के समय करें उचित खाद प्रबंधन और पाएं बेहतर पैदावार
मूंगफली बुआई के समय करें उचित खाद प्रबंधन और पाएं बेहतर पैदावार
मूंगफली एक प्रमुख तिलहनी फसल है। इसकी खेती जायद और खरीफ दोनों मौसम में की जाती है। भारत में इसकी खेती राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पंजाब में की जाती है। फसल से अधिक लाभ लेने के लिए उर्वरकों का संतुलित इस्तेमाल करना चाहिए। तभी फसल से अधिक पैदावार प्राप्त होगी। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को मूंगफली बुआई के समय उचित खाद प्रबंधन की जानकारी देंगे। ताकि किसान फसल से अधिक पैदावार लें, मुनाफा प्राप्त कर सकें। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
उचित खाद प्रबंधन
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अधिक पैदावार के लिए खेत तैयार करते समय खेत में 3 से 4 टन गोबर खाद का प्रयोग करें।
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दीमक से बचाव के लिए मिट्टी में 200 किलोग्राम नीम खली का प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करें।
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उर्वरक के रूप में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश का 20 : 60 : 20 किलोग्राम प्रति एकड़ इस्तेमाल करें।
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मूंगफली की फसल में 100 किलोग्राम जिप्सम प्रति एकड़ की दर से इस्तेमाल करें।
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जिंक की कमी होने पर 25 किलोग्राम ज़िंक सल्फेट हैप्टाहाईड्रेट या ज़िंक सल्फेट मोनोहाईड्रेट 16 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें। यह मात्रा 2-3 साल के लिए काफी होगी।
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मूंगफली बुआई के 20 से 25 दिनों के बाद 35 किलोग्राम यूरिया, 45 किलोग्राम एसएसपी, 15 किलोग्राम पोटाश एवं 5 किलोग्राम खाद को प्रति एकड़ की दर से पौधों की जड़ों के पास दें।
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इसके बाद फसल में सिंचाई कर दें।
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मूंगफली बुआई के 50 से 55 दिनों के बाद 5 किलोग्राम सल्फर, 15 किलोग्राम यूरिया और 4 किलोग्राम एनपीके खाद को प्रति एकड़ की दर से जड़ों के पास दीजिये और सिंचाई करें।
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फसल के 70 से 75 दिन होने पर 4 किलोग्राम एनपीके और 5 किलोग्राम सागरिका दानेदार खाद को प्रति एकड़ की दर से जड़ों के पास दीजिये और सिंचाई कर दें।
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खरपतवार को नियंत्रण में रखें।
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खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और मूंगफली की बुआई के बाद उचित खाद प्रबंधन कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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