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मूंग : इस तरह करें खरपतवारों पर नियंत्रण
मूंग : इस तरह करें खरपतवारों पर नियंत्रण
मूंग की बुवाई के बाद 25 से 30 तक खेत में खरपतवारों पर पूरी तरह नियंत्रण करना आवश्यक है। खेत में खरपतवारों की अधिकता होने पर मुंग की फसल को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। जिससे पौधे कमजोर होने लगते हैं। इसके साथ ही कई फफूंद एवं कीट मुख्य फसल से पहले खरपतवारों पर पनपते हैं। इसलिए बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए खरपतवारों पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। आइए इस पोस्ट में माध्यम से हम मूंग की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण की विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
मूंग की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए किए जाने वाले कार्य
निराई गुड़ाई
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खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करें।
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बुवाई के 20 से 25 दिनों बाद पहली निराई गुड़ाई करें।
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बुवाई के करीब 45 दिनों बाद फसल में दूसरी बार निराई गुड़ाई करें।
खरपतवार नाशक दवा
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खेत में खरपतवारों की अधिकता होने पर खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव करें।
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सभी प्रकार की फसलों में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए पेंडीमेथलीन 30% ई.सी. का इस्तेमाल करें।
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यह दवा बाजार में धानुटॉप एवं पेंडाकॉप नाम से उपलब्ध है।
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बुवाई से पहले प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम पेंडिमेथालिन मिलाएं।
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इसके अलावा बुवाई के 3 दिनों के अंदर यानी मूंग के बीज अंकुरित होने से पहले प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम पेंडीमेथालिन का छिड़काव करें।
आधुनिक कृषि यंत्र
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कई बार बड़े क्षेत्रों में हाथों से निराई-गुड़ाई करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कृषि यंत्रों के द्वारा खरपतवारों पर नियंत्रण करना एक बेहतर विकल्प है।
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खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए आप पशु-चालित निराई यंत्र, व्हील हैंडल हो, स्वचालित रोटरी पावर वीडर, आदि कृषि यंत्रों का सहारा ले सकते हैं।
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इससे खरपतवारों पर नियंत्रण में समय की भी बचत होती है।
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