इन दिनों बागवानी का चलन बढ़ता जा रहा है। बढ़ते चलन को देखते हुए हम में से कई व्यक्ति अपने घरों में पौधे लगते हैं। कई बार हम नर्सरी से स्वस्थ पौधे तो लाते हैं लेकिन कुछ दिनों बाद पौधे मुरझाने लगते हैं। इसके कई कारण होते हैं। मनुष्यों एवं पशुओं की तरह पौधों को भी देखभाल की आवश्यकता होती है। सही देखभाल नहीं मिलने पर पौधे मुरझाने लगते हैं और कुछ समय बाद पूरी तरह सूख जाते हैं। अगर आपकी बगिया के पौधे भी मुरझाने लगे हैं तो इसके कारण एवं बचाव के उपाय जानने के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। आइए इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
पौधों के मुरझाने का कारण एवं बचाव के उपाय
सबसे पहले यह देखें की पौधे पूरी तरह सूखे हैं या नहीं। कुछ पत्तियों के सूखने के कारन हमें पौधों को सूखा हुआ नहीं समझना चाहिए। अगर पौधे में कुछ पत्तियां हरी हैं या शाखाओं एवं तने पूरी तरह सूखे नहीं हैं तो पौधों को बचाया जा सकता है।
रोग एवं कीट : कीटों एवं रोगों के प्रकोप के कारण भी पौधे सूखने लगते हैं। पौधों को विभिन्न कीटों एवं रोगों से बचाने के लिए इन पर नियंत्रण करना आवश्यक है। कीटों एवं रोगों को फैलने से रोकने के लिए पौधों के प्रभावित हिस्सों को काट कर अलग करें। इसके साथ ही आवश्यक के अनुसार कीटनाशक एवं फफूंदनाशक का छिड़काव करें।
पौधों की कटाई-छंटाई : पूरी तरह सूखी पत्तियों एवं डालियों के साथ अन्य सूखे हिस्सों को पौधों से अलग करें। हालांकि पौधों के सूखे भागों की कटाई के समय तने को भूमि की सतह से कम से कम 5 सेंटीमीटर की ऊंचाई से काटें। कुछ समय बाद इन टहनियों से नई शाखाएं एवं पत्तियां निकलने लगेंगी।
सही समय पर सिंचाई : कई बार पानी की कमी होने पर पौधे मुरझाए हुए नजर आते हैं। मिट्टी की जांच करें। यदि मिट्टी की ऊपरी परत सूखी हुई नजर आए तो मिट्टी में नमी की कमी है। इसलिए एक निश्चित अंतराल पर या आवश्यकता के अनुसार पौधों की सिंचाई करें।
पानी की कमी : कई बार पत्तियां किनारे से सूखने लगती हैं और भूरे रंग की हो जाती हैं। कभी-कभी पत्तियां किनारे से हल्की फटने भी लगती हैं। यह पौधों में पानी की कमी के लक्षण हो सकते हैं। पौधों में यह लक्षण नजर आने पर अच्छी तरह सिंचाई करें। यदि पौधे गमलों में लगे हैं तो गमलों के नीचे बने छेद से पानी बाहर आने तक गमलों में पानी डालें।
उचित मात्रा में धूप : स्वस्थ पौधों के लिए धूप बहुत जरूरी है। पौधों की देखभाल के समय धूप को अनदेखा न करें। घर के अंदर लगाए जाने वाले पौधों को भी थोड़ी देर धूप में रखना चाहिए। सजावटी पौधों को बहुत कड़ी धूप में न रखें। कड़ी धूप के कारण भी पौधे मुरझाए हुए नजर आते हैं।
पोषक तत्वों की पूर्ति : सही समय पर एवं सही मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलने के कारण पौधे कमजोर हो कर मुरझा जाते हैं। ऐसे में पौधों में पोषक तत्वों की पूर्ति करना आवश्यक है। पौधों के अच्छे विकास के लिए गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मीकम्पोस्ट के साथ उचित मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटास, जिंक, सल्फर, आयरन, आदि पोषक तत्वों की पूर्ति करें।
पौधों की पुनः रोपाई : कई बार छोटे गमलों में पौधों की जड़ें अधिक फैल जाती हैं। जगह की कमी के कारण पौधे उचित मात्रा में पानी एवं अन्य पोषक तत्व ग्रहण नहीं कर पाते हैं। परिणामस्वरूप पौधे मुरझाने लगते हैं या उनके विकास में बाधा आती है। ऐसे में पौधों को किसी बड़े गमलों या क्यारियों में लगाएं।
मिट्टी बदलना : कुछ महीनों के अंतराल पर गमलों की मिट्टी को बदलना आवश्यक है। लम्बे समय तक निराई-गुड़ाई नहीं होने के कारण मिट्टी कठोर हो जाती है और मिट्टी की जल एवं अन्य पोषक तत्व ग्रहण करने की क्षमता कम हो जाती है। जिससे पौधे भी उचित मात्रा में पोषक तत्व ग्रहण नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कुछ समय के अंतराल पर गमलों की मिट्टी बदलें। क्यारियों में निराई-गुड़ाई करें।
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