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मटर : लीफ माइनर कीट प्रबंधन
मटर : लीफ माइनर कीट प्रबंधन
मटर की फसल में लीफ माइनर कीट की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस कीट का प्रकोप होने पर फसल की पैदावार एवं गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर होता है। अगर आपकी मटर की फसल में भी हो रहा है इस कीट का प्रकोप तो नियंत्रण के उपाय यहां से देखें। इसके साथ यहां से आप इस कीट से होने वाले नुकसान की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रकोप का लक्षण
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इस कीट का प्रकोप छोटे पौधों में अधिक देखने को मिलता है।
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कीट का लार्वा पौधों की पत्तियों के हरे भाग को खाकर पत्तियों में सुरंग बना देते हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पौधों की सभी पतियों में टेढ़े-मेढ़े सुरंग देखे जा सकते हैं।
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कुछ समय बाद पत्तियां टूट कर गिरने लगती हैं।
बचाव के उपाय
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कीट को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।
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इससे बचने के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें। (यह मात्रा प्रति एकड़ खेत के अनुसार दी गई है।)
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इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें।
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इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के प्रयोग से आप लीफ माइनर कीट से मटर की फसल को आसानी से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें। मटर की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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