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मटका सिंचाई : सिंचाई की एक अनोखी तकनीक

मटका सिंचाई : सिंचाई की एक अनोखी तकनीक

पौधों के विकास के लिए सिंचाई कितनी महत्वपूर्ण है यह तो हम सभी जानते हैं। कई बार सही समय पर सिंचाई नहीं होने पर पौधे सूखने लगते हैं। वहीं आवश्यकता से अधिक सिंचाई होने पर पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं। कई बार पानी की कमी होने के कारण पौधों को उचित मात्रा में पानी नहीं मिल पाती है। ऐसे में पानी की कमी वाले क्षेत्रों में सिंचाई करना किसी बड़ी समस्या से कम नहीं है। इस समस्या से बचने के लिए मटका विधि से सिंचाई किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम मटका सिंचाई विधि पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

क्या है मटका सिंचाई?

  • यह सिंचाई की एक अनोखी तकनीक है जिसमें मटकों में पानी भर कर पेड़ या पौधे की जड़ों के पास जमीन में दबा दिया जाता है। मटके के एक छोटा छेद कर दिया जाता है जिससे पानी बूंद-बूंद करके टपकता है और पौधों की जड़ों में जाता है। इससे जड़ों को आवश्यकता के अनुसार पानी मिलती है और पौधे हरे-भरे रहते हैं।

मटका सिंचाई के क्या फायदे हैं?

  • पौधे की आवश्यकता के अनुसार मटकों से पानी निकलता है।

  • गर्मी के मौसम में मटके का पानी 3 दिन से सप्ताह भर तक चल जाएगा

  • पौधे 20 से 30 प्रतिशत तेजी से बढ़ते हैं।

  • पानी सीधा पौधों की जड़ों तक पहुंचती है।

  • आस-पास की भूमि सूखी होने के कारण खरपतवारों की समस्या कम होती है।

  • इस विधि से सिंचाई करने से पानी की 70 प्रतिशत तक बचत होती है।

  • सिंचाई में लागत कम आती है।

  • सिंचाई में समय की बचत होती है।

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सिंचाई के विभिन्न तरीकों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें। जिससे अधिक से अधिक किसानों तक यह जानकारी पहुंच सके। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। कृषि संबंधी अन्य रोचक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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