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मटका खाद तैयार करनी की विधि एवं इसका महत्व
मटका खाद तैयार करनी की विधि एवं इसका महत्व
कृषि में लगातार रासायनिक पदार्थों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होने लगी है। मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने के लिए जैविक खादों का बहुत महत्व है। जैविक खाद प्रयोग करने से भूमि धीरे-धीरे अधिक उपजाऊ होने लगती है। अगर आप भी जैविक खेती को महत्व देते हुए खेत में जैविक खाद का प्रयोग करना चाहते हैं तो मटका खाद एक बेहतर विकल्प है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम मटका खाद पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
क्या है मटका खाद?
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मटका खाद गौ मूत्र, गोबर एवं अन्य जैविक पदार्थों से तैयार किया जाने वाला एक बेहतरीन खाद है। इसे मटके में तैयार किया जाता है। इस खाद में कई तरह के लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं।
मटका खाद तैयार करने की विधि
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मटका खाद तैयार करने के लिए देशी गाय के 40 लीटर गौमूत्र में 40 किलोग्राम तजा गोबर, 0.5 किलोग्राम गुड़ एवं 0.5 किलोग्राम बेसन मिलाएं।
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इस मिश्रण को 1 बड़े से मटके में भर कर कुछ दिनों तक सड़ने दें।
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यदि गर्मी के मौसम में खाद तैयार कर रहे हैं तो मिश्रण को 7 दिनों तक मटके में रखें।
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ठंड के मौसम में मिश्रण को करीब 15 दिनों तक मटके में रहने दें।
मटका खाद इस्तेमाल करने की विधि
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प्रति एकड़ खेत के लिए 1 मटका खाद की आवश्यकता होती है।
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400 लीटर पानी में 1 मटका खाद को अच्छी तरह मिला कर घोल तैयार करें।
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इस मिश्रण को ड्रिप सिंचाई के द्वारा पौधों की जड़ों में दें।
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मटका खाद एवं पानी के मिश्रण को कपड़े से छान कर फसलों पर छिड़काव भी किया जा सकता है।
मटका खाद इस्तेमाल करने के फायदे
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मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है।
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फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
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उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं।
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लागत में कमी आती है।
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हानिकारक रसायनों के बुरे प्रभाव से बच सकते हैं।
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