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मसूर की खेती के लिए खेत की तैयारी
मसूर की खेती के लिए खेत की तैयारी
मसूर की खेती रबी के मौसम में की जाती है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बिहार, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं। इस रबी के मौसम में अगर आप भी मसूर की खेती करना चाहते हैं तो इसकी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, बीज की मात्रा एवं खेत की तैयारी की विधि यहां से देख सकते हैं।
मिट्टी
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इसकी खेती बलुई मिट्टी से भारी मिट्टी यानि लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है।
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अच्छी पैदावार के लिए रेतीली दोमट एवं दोमट मिट्टी में खेती करें।
बीज की मात्रा
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प्रति एकड़ जमीन में छोटे दाने वाली किस्मों की खेती करने के लिए करीब 12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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प्रति एकड़ खेत में यदि बड़े दानों वाली किस्मों की खेती करनी है तो लगभग 16 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी।
खेत की तैयारी
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खेत तैयार करते समय पहली जुताई मिट्टी पलटने वाली हल से करें।
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इसके बाद 2 से 3 बार देशी हल या कल्टीवेटर से जुताई करें।
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आखिरी जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 6 से 8 टन सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद मिलाएं।
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इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में 8 किलोग्राम नाइट्रोजन, 16 किलोग्राम फॉस्फेट और 8 किलोग्राम गंधक (सल्फर) मिलाएं।
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जुताई करने के बाद खेत में पाटा लगा कर खेत की मिट्टी को समतल एवं भुरभुरी बना लें।
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इसके बाद खेत में 10 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज की बुवाई करें।
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बीज की बुवाई पंक्तियों में करें। पंक्तियों के बीच 25 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
इस पोस्ट में बताए गए तरीके से खेत की तैयारी करने पर आप मसूर की बेहतर फसल प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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