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मशरूम की खेती से पहले जान लें इसकी विभिन्न किस्में एवं विशेषताएं
मशरूम की खेती से पहले जान लें इसकी विभिन्न किस्में एवं विशेषताएं
मशरूम की कई किस्में पाई जाती हैं। जिनमें से करीब 70 किसानों की खेती की जाती है। हमारे देश में भी मशरूम की खेती की तरफ किसान आकर्षित हो रहे हैं । यदि आप भी करना चाहते हैं मशरूम की खेती तो भारत में खेती की जाने वाली कुछ प्रमुख किस्मों की जानकारी एवं उनकी विशेषताएं यहां से प्राप्त करें।
मशरूम की कुछ प्रमुख किस्में
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बटन मशरूम : हमारे देश में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। कुछ वर्ष पहले तक इसकी खेती केवल ठंडे तापमान वाले क्षेत्रों में की जाती थी। लेकिन अब इसकी खेती मैदानी क्षेत्रों में भी की जाती है। मैदानी क्षेत्रों में इसकी खेती ग्रीन हाउस में उचित तापमान तैयार करके की जाती है। कवक को फैलने के लिए 22 से 26 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है। बटन मशरूम की वृद्धि के लिए 14 से 18 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सबसे उपयुक्त है।
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ऑयस्टर मशरूम : इस किस्म को ढींगरी मशरूम के नाम से भी जाना जाता है। इस किस्म की मशरूम को तैयार होने में 2.5 से 3 महीने का समय लगता है। इस किस्म की खेती गेहूं एवं धान के भूसे और दानों का इस्तेमाल करके की जाती है। 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान ऑयस्टर मशरूम के लिए उपयुक्त है। इसके साथ ही 70 से 90 प्रतिशत आर्द्रता की आवश्यकता होती है। इसकी खेती पूरे वर्ष की जा सकती है।
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दूधिया मशरूम : दूधिया मशरूम आकार में बड़े एवं आकर्षक होते हैं। इसकी खेती मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश में की जाती है। मार्च से अक्टूबर तक का समय इस किस्म के मशरूम की खेती के लिए सर्वोत्तम है।
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पैडीस्ट्रा मशरूम : इस किस्म की खेती के लिए उच्च तापमान बेहतर है। मशरूम को तैयार होने में 3 से 4 सप्ताह का समय लगता है। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, छत्तीसगढ़, आदि राज्यों में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। इसकी वृद्धि के लिए 28 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान एवं 60 से 70 प्रतिशत आर्द्रता की आवश्यकता होती है।
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शिटाके मशरूम : इस किस्म को दुनिया में मशरूम के कुल उत्पादन में दूसरा स्थान प्राप्त है। यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक स्वादिष्ट होता है। यह प्रोटीन और विटामिन बी का अच्छा स्त्रोत है। वसा और शर्करा नहीं होने के कारण यह मधुमेह और हृदय रोग से ग्रसित व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है।
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