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मशरूम की खेती से पहले जान लें इन बातों को
मशरूम की खेती से पहले जान लें इन बातों को
मशरूम को छत्रक, खुम्ब या खुम्भी नाम से भी जाना जाता है। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, विटामिन डी, सेलेनियम और जिंक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ इसका सेवन पेट की समस्याओं, दिल के बीमारियां, ब्रेस्ट कैंसर, ब्लड शुगर लेवल, मोटापा, आदि रोगों में भी लाभदायक है। मशरूम अनेक रंग एवं किस्मों के होते हैं। जिनमे बटन मशरूम एवं ओएस्टर मशरूम सबसे अधिक प्रचलित है। इसकी खेती से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां होना आवश्यक है। आइए मशरूम की खेती पर विस्तार से चर्चा करें।
कहां करें मशरूम की खेती?
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मशरूम की खेती मैदानी क्षेत्रों के अलावा, पहाड़ी क्षेत्रों में भी की जा सकती है। इसके अलावा ग्रीन हाउस में कृत्रिम वातावरण तैयार कर के भी इसकी खेती की जा सकती है।
मशरूम की अच्छी उपज के लिए उपयुक्त वातावरण
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मशरूम की अच्छी उपज के लिए 14 डिग्री सेंटीग्रेड से 18 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सर्वोत्तम है।
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इसके साथ 85 प्रतिशत आर्द्रता भी होनी चाहिए।
मशरूम में किस खाद का करें प्रयोग?
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खाद में 60 से 65 प्रतिशत नमी की मात्रा होनी चाहिए।
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खाद में करीब 1.75 से 2.25 प्रतिशत नाइट्रोजन की मात्रा होनी चाहिए।
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खाद का पी.एच स्तर 7.2 से 7.8 के बीच होना चाहिए।
कब करें मशरूम की तुड़ाई?
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बुवाई के 35 से 40 दिनों बाद या मिट्टी चढ़ाने के 15 से 20 दिनों बाद छोटे मशरूम निकलने लगते हैं।
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4-5 दिनों बाद छोटे मशरूम आकार में बड़े हो जाते हैं।
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मशरूम को घूमा कर तोड़ें। इसके अलावा आप इसे किसी तेज चाकू से काट भी सकते हैं।
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