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मशरूम की खेती से कमाएं अधिक मुनाफा
Author : Soumya Priyam

मशरूम की बढ़ती मांग के कारण इसकी खेती में अपार संभावनाएं हैं। कम लागत, कम जगह एवं कम समय में तैयार होने वाली मशरूम की खेती करके आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। यदि आप भी करना चाहते हैं मशरूम की खेती तो इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां यहां से प्राप्त करें।
मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त समय
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मशरूम की खेती के लिए मई से अक्टूबर तक का समय सर्वोत्तम है।
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कृत्रिम वातावरण में वर्ष भर इसकी खेती की जा सकती है।
मशरूम की खेती कैसे की जाती है?
मशरूम की खेती मुख्यतः 3 तरीके से की जाती है।
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लटका कर : जगह के अभाव में या कम स्थान में खेती करने के लिए यह विधि उपयुक्त है। इस विधि में प्लास्टिक के बैग में कंपोस्ट खाद की एक परत डाली जाती है। इसके बाद मशरूम के बीज डालकर कंपोस्ट की परत से ढक दिया जाता है। अंत में प्लास्टिक के बैग के मुंह को धागे से बांध कर किसी लकड़ी के स्टैंड पर लटका दिया जाता है।
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जमीन में क्यारियां बनाकर : इस विधि से मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले चयनित भूमि में क्यारियां तैयार की जाती हैं। इसके बाद क्यारियों में कंपोस्ट मिलाकर बीज की रोपाई की जाती है। इस विधि में नियमित रूप से देखभाल की आवश्यकता होती है।
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मचान बनाकर : इस विधि से खेती करने के लिए सबसे पहले बांस या किसी अन्य लकड़ी के द्वारा भूमि की सतह से ऊंचाई पर मचान तैयार किया जाता है। मचान पर कंपोस्ट फैलाकर बीज की बुवाई की जाती है।
मशरूम की खेती के समय इन बातों का रखें ध्यान
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बीज के अंकुरण के लिए उचित मात्रा में नमी की आवश्यकता होती है। इसलिए 2 से 3 दिनों के अंतराल पर पानी का छिड़काव करते रहें।
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इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस कमरे में मशरूम की खेती की जा रही है वहां धूप न आए। धूप आने से नमी की मात्रा में कमी हो सकती है।
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तापमान बढ़ने पर कमरे की खिड़कियों को गीली चादर से ढकें।
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कंपोस्ट या मशरूम के बीज को स्पर्श करने से पहले हाथ को अच्छी तरह साबुन से साफ करें।
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कमरे में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण कहां से प्राप्त करें?
मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। साथ ही कई बार मशरूम की खेती के इच्छुक किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। इसके अलावा कई कृषि विश्वविद्यालयों में मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अगर आप भी करना चाहते हैं मशरूम की खेती तो नीचे दिए गए संस्थानों से इसकी खेती के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
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राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार
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बागवानी व कृषि वानिकी अनुसंधान कार्यक्रम, रांची, झारखंड
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नारायण देव कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश
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ओडिशा कृषि विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा
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महाराणा प्रताप कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
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केरल कृषि विश्वविद्यालय, त्रिचूर, केरल
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मशरूम की खेती से पहले इसकी विभिन्न किस्मों की विशेषताएं जानने के लिए यहां क्लिक करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए मशरूम की खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। आने वाले पोस्ट में हम मशरूम की खेती के लिए कम्पोस्ट तैयार करने की विधि साझा करेंगे। तब तक कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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15 May 2021
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