चावल निर्यातकों की एसोसिएशन के अनुसार, इस वर्ष भारत में बासमती चावल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक होने की संभावना है।
बात करें आंकड़ों की तो पिछले वर्ष भारत में 7.5 मिलियन टन बासमती चावल का उत्पादन हुआ था। इस वर्ष प्रति एकड़ में वृद्धि होने के कारण 8 मिलियन टन चावल के उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है।
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विजय सेठिया ने कहा कि इस वर्ष कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण प्रवासी श्रमिकों के पलायन से बुवाई के काम में देर होने की संभावना थी। जिसका असर पैदावार पर साफ देखने को मिल सकता था। लेकिन स्थानीय मजदूरों की मदद से और प्रवासी श्रमिकों के वापस आने से बुवाई की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक विनोद कौल के अनुसार इस वर्ष बासमती चावल का उत्पादन अधिक होगा, जो उद्योग के लिए अच्छा है। उन्होंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बासमती चावल की घरेलू खपत बढ़ रही है। साथ ही निर्यात के लिए नए अवसर सामने आ रहे हैं। भारत को सऊदी अरब और इराक जैसे मध्य-पूर्व के देशों के साथ पूर्वी यूरोपीय देश से निर्यात के ऑर्डर मिल रहे हैं। कोविड - 19 से बुरी तरह प्रभावित हुए देश जैसे इटली, लंदन भी चावल के निर्यात के लिए ऑर्डर दे रहे हैं।
हर वर्ष भारत से 4.4 से 4.5 मिलियन टन बासमती चावल का निर्यात किया जाता है, जिसका प्रमुख हिस्सा ईरान को जाता है। धीरे-धीरे निर्यात बाजार खुल रहे हैं। निर्यात बाजार खुलने के साथ यह उम्मीद भी लगाई जा रही है कि सितंबर महीने से बासमती चावल बाजार में आना शुरू हो जाएगा।
अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
Soil Testing & Health Card
Health & GrowthYield Forecast
Farm IntelligenceAI, ML & Analytics
Solution For FarmersAgri solutions
Agri InputSeed, Nutrition, Protection
AdvisoryHelpline and Support
Agri FinancingCredit & Insurance
Solution For Micro-EntrepreneurAgri solutions
Agri OutputHarvest & Market Access
Solution For Institutional-BuyersAgri solutions