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मल्चिंग विधि का प्रयोग कर बढ़ाएं टमाटर और मिर्च का उत्पादन
मल्चिंग विधि का प्रयोग कर बढ़ाएं टमाटर और मिर्च का उत्पादन
परिचय:
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टमाटर और मिर्च की खेती में खरपतवार का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है। जिससे फसल के उत्पादन पर असर पड़ता है।
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ऐसे में किसान खेत में मल्चिंग विधि का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा मौसम परिवर्तन से पौधों को बचाने के लिए मल्चिंग एक बेहतर विकल्प है। इस तकनीक से फसल लंबे समय तक सुरक्षित रहती है।
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प्लास्टिक के अलावा सूखी घास से भी मल्चिंग संभव है। टमाटर और मिर्च के खेती में मल्चिंग लगाने की जानकारी प्राप्त करने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
मल्चिंग विधि क्या है?
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इस विधि में बेड को प्लास्टिक शीट से पूरी तरह कवर कर दिया जाता है, जिससे खेत में खरपतवार नहीं होते हैं।
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खेत में लगे पौधों की जमीन को चारों तरफ से प्लास्टिक कवर द्वारा सही तरीके से ढकने को प्लास्टिक मल्चिंग कहते हैं। वहीं बेड पर बिछाई जाने वाली कवर को पलवार या मल्च कहा जाता है।
मल्चिंग लगाने का लाभ क्या है?
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मिट्टी को धूप कम लगती है। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है।
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बीज का अंकुरण एवं पौधों की जड़ों का विकास अच्छे से होता है।
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तेज हवाओं एवं बारिश से पौधों का बचाव होता है।
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बारिश एवं तेज हवा के कारण मिट्टी का कटाव कम होता है।
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फल जमीन की सतह से सट कर खराब नहीं होते हैं।
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खरपतवारों के पनपने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
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प्लास्टिक मल्चिंग का प्रयोग करने से फसल उपज में वृद्धि होती है।
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बारिश के दौरान पानी की बूंदें मल्चिंग शीट की निचली सतह पर इकठ्ठा होती है और पौधों को मिलती है। जिससे सिंचाई के समय पानी की बचत होती है।
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सूखी घास से मल्चिंग करने पर कुछ समय बाद यह सड़ कर खाद बन जाती है। जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती है।
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इसके प्रयोग से खेत की मिट्टी कठोर नहीं होती है।
टमाटर और मिर्च की खेती में मल्चिंग बिछाने का तरीका
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सबसे पहले जिस खेत में फसल की खेती करनी है उसकी अच्छे से जुताई कर लें।
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अब इसमें 8 से 10 क्विंटल गोबर खाद का इस्तेमाल करें।
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अब खेत में उठी हुई क्यारीयां या मेड़ बना लें।
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इनके उपर ड्रिप सिंचाई की पाइप लाइन को बिछा दें।
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अब 25 से 30 माइक्रोन प्लास्टिक मल्च फिल्म को अच्छी तरह बिछाकर, फिल्म के दोनों किनारों को मिट्टी की परत से अच्छी तरह दबा दें।
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अब फिल्म पर गोलाई में पाइप से पौधों से पौधों की उचित दूरी तय कर छिद्र कर दें।
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अब इन किए हुए छेदों में बीज या नर्सरी में तैयार पौध का रोपण कर लें।
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