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कृषि विशेषयज्ञ
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मक्के की फसल में गुलाबी तना छेदक कीट पर नियंत्रण

मक्के की फसल में गुलाबी तना छेदक कीट पर नियंत्रण

मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले विभिन्न कीटों में गुलाबी तना छेदक कीट भी शामिल है। मक्के की फसल को इस कीट के प्रकोप के कारण भारी नुकसान होता है। मक्के के अलावा इस कीट से गेहूं, धान, आदि फसलें भी प्रभावित होती हैं। गुलाबी तना छेदक कीट की पहचान, होने वाले नुकसान एवं बचाव के उपाय यहां से देखें।

कीट की पहचान

  • यह कीट गुलाबी रंग के होते हैं।

  • यह कीट मुख्यतः नए या छोटे पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं।

होने वाले नुकसान

  • इस कीट का लार्वा छोटे पौधों के तनों में छेद करते हैं।

  • यह पौधों के मुख्य तने को नुकसान पहुंचाते हैं।

  • प्रकोप बढ़ने पर पौधे मरने लगते हैं।

नियंत्रण के तरीके

  • कीट को आकर्षित करने के लिए ज्वार, बाजरा जैसी फसलों को खेत के चारो तरफ 2-3 पंक्तियों में लगाएं।

  • नाइट्रोजन उर्वरक का प्रयोग संतुलित मात्रा में करें।

  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ फसल में 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर 15 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें।

  • इसके अलावा 200 लीटर पानी में 400 ग्राम थिओडिकार्ब 75 प्रतिशत डबल्यूपी मिलाकर 20 से 25 दिनो के अंतराल पर दो बार भी छिड़काव कर सकते हैं।

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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं का प्रयोग करके आप गुलाबी तना छेदक कीट के प्रकोप से मक्के की फसल को आसानी से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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