दीमक मक्का, ज्वार, बाजरा के अलावा सरसों, राई, आलू, मूली, बैंगन, टमाटर, गोभी, गन्ना, मूंगफली, चना आदि कई फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे दीमक की पहचान एवं विभिन्न फसलों में इसकी रोकथाम के उपाय।
दीमक की पहचान
दीमक समूह में रहने वाले पोलीफोगस कीट हैं।
यह कीट हल्के पीले या भूरे रंग के होते हैं।
दीमक से होने वाले नुकसान
यह कीट मिट्टी में सुरंग बनाकर बीज या पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
इसके अलावा यह पौधों के तने को भी खा कर फसल को नष्ट कर देते हैं।
विभिन्न फसलों में दीमक से रोकथाम के उपाय
मक्का
बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 5 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 20 ई.सी से उपचारित करना चाहिए।
इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 20 ई.सी मिलाकर छिड़काव भी कर सकते हैं।
दीमक से निजात पाने के लिए प्रति लीटर पानी में 0.5 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 200 एसएल मिलाकर पौधों की जड़ों में छिड़काव करें।
ज्वार
यदि बीज उपचारित नहीं किया गया है और खेत में दीमक का प्रकोप है तो पहली सिंचाई के समय प्रति एकड़ जमीन में 20 किलोग्राम सूखी मिट्टी में 1.2 से 2 लीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर खेत में समान रूप से छिड़काव करके सिंचाई करें।
बाजरा
खड़ी फसल में दीमक का प्रकोप देखने पर प्रति एकड़ जमीन में 1 लीटर इमिडाक्लोप्रिड 20 ई.सी का छिड़काव करें।
दीमक से बचने के कुछ अन्य उपाय
खेत में कच्ची गोबर का प्रयोग ना करें। कच्ची गोबर में दीमक के पनपने का खतरा सबसे अधिक होता है।
बुवाई से पहले प्रति एकड़ खेत में 30 किलोग्राम नीम की खली मिलाएं।
इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में 2 किलोग्राम सूखी नीम की बीज को कूट कर भी मिलाया जा सकता है।
Soil Testing & Health Card
Health & GrowthYield Forecast
Farm IntelligenceAI, ML & Analytics
Solution For FarmersAgri solutions
Agri InputSeed, Nutrition, Protection
AdvisoryHelpline and Support
Agri FinancingCredit & Insurance
Solution For Micro-EntrepreneurAgri solutions
Agri OutputHarvest & Market Access
Solution For Institutional-BuyersAgri solutions