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मिट्टी जांच क्यों करवानी चाहिए और क्या हैं इसके फायदे?
मिट्टी जांच क्यों करवानी चाहिए और क्या हैं इसके फायदे?
खेत में लगातार रासायनिक पदार्थों और कीटनाशकों के प्रयोग के कारण खेत की मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है। ऐसी स्थिति में फसलों की पैदावार एवं गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर होता है। हम सभी जानते हैं पौधों को कई पोषक तत्व एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पौधे मिट्टी से विभिन्न पोषक तत्वों को ग्रहण करते हैं। फसलों को उचित मात्रा में पोषक तत्व मिले इसलिए खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले मिट्टी की जांच कराना आवश्यक है।
मिट्टी जांच के क्या फायदे हैं?
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मिट्टी की जांच कराने से खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के साथ लवणों की मात्रा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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मिट्टी जांच से मिट्टी की पी.एच स्तर की जानकारी मिलती है।
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जिन पोषक तत्वों की कमी है उनकी पूर्ति की जा सकती है।
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मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के अनुसार फसलों का चयन कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
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मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
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मिट्टी में मौजूद फफूंदों का पता लगाया जा सकता है।
कब करें मिट्टी की जांच?
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बीज की बुवाई या पौधों की रोपाई से 1 महीना पहले खेत की मिट्टी की जांच कराएं।
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सघन पद्धति से खेती करने पर हर वर्ष मिट्टी की जांच कराएं।
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हर साल एक ही फसल की खेती करने पर 2 या 3 वर्षों के अंतराल पर मिट्टी की जांच करना जरूरी है।
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