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मिर्च में फल फूल विकास के समय पर करें उचित पोषक तत्व का इस्तेमाल
मिर्च में फल फूल विकास के समय पर करें उचित पोषक तत्व का इस्तेमाल
परिचय
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मिर्च एक अति संवेदनशील फसल है। जिसमें अधिक तापमान, अधिक ठंड और अधिक बारिश जैसे वातावरण फसल को हमेशा ही नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। इसके अलावा गर्म एवं सूखी हवा फूल-फल के गिरने का एक बड़ा कारण बनती है। जिसके कारण मिर्च की फसल में नर्सरी से लेकर फलों की तुड़ाई तक अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
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मिर्च की फसल के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु को उपयुक्त माना गया है। इसके अलावा पौधों और फल फूल के बेहतर विकास के लिए समय-समय पर पोषक तत्वों से युक्त खाद प्रबंधन की सिफारिश की जाती है।
पोषक तत्व का इस्तेमाल
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मिर्च की फसल में जड़ संबंधी रोगों के लगने के कारण फूल और फल गिरने की संभावना अधिक होती है। जिसके लिए पौधों की रोपाई के दौरान मिट्टी की जांच के अनुसार ही पोषक तत्वों को खेत में डालें।
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रोपाई के एक दिन बाद खेत में खेत में सिंचाई करें। ऐसा करने से जड़ मजबूत हो जाती है।
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रोपाई से पहले जड़ों को 5 मिलीलीटर माइकोराइजा एवं एक लीटर पानी के घोल में डुबोएं।
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फूलों और फलों के बेहतर विकास के लिए रोपाई-गुड़ाई के 25, 45 एवं 65 दिन बाद ट्राईकॉन्टानॉल 0.05% ईसी की 100 मिलीलीटर प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर उसका छिड़काव करें।
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बोरॉन 20% की 300 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़कें।
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फूल आने के समय पर प्लानोफिक्स की 1 मिलीलीटर मात्रा प्रति 4.5 लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़क दें।
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अधिक तुड़ाइयां प्राप्त करने के लिए, फूल निकलने के समय सलफर/बैनसल्फ 10 किलो प्रति एकड़ डालें और कैल्श्यिम नाइट्रेट 10 ग्राम का प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
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