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मिर्च की फसल में थ्रिप्स पर नियंत्रण
मिर्च की फसल में थ्रिप्स पर नियंत्रण
थ्रिप्स कीट को कई स्थानों पर तैला के नाम से भी जाना जाता है। इस कीट का प्रकोप पौधों की रोपाई के करीब 2-3 सप्ताह बाद शुरू हो जाता है। पौधों में फूल आने के समय थ्रिप्स का प्रकोप सबसे अधिक होता है। अगर आपकी मिर्च की फसल भी इस कीट से प्रभावित हो रही है तो यहां से आप बचाव के उपाय देख सकते हैं।
प्रकोप का लक्षण
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यह कीट पत्तियों एवं पौधों के अन्य नरम हिस्सों के रस चूसते हैं।
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थ्रिप्स के कारण पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं।
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प्रकोप बढ़ने पर पौधों का विकास रुक जाता है।
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फसल की पैदावार में भारी कमी आती है।
बचाव के उपाय
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इन्हे फैलने से रोकने के लिए प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।
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प्रति किलोग्राम बीज को 2 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड से उपचारित करें।
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थ्रिप्स के प्रकोप को कम करने के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिला कर छिड़काव करें।
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